बरगढ़ की विश्व प्रसिद्ध धनु यात्रा 6 जनवरी 2014 को शुरु हुई. यह 11 दिवसीय यात्रा 16 जनवरी 2014 को संपन्न होनी है. इस धनु यात्रा उत्सव के दौरान बरगढ़ शहर राजा कंस की राजधानी मथुरा नगरी में तब्दील हो जाता है जबकि पास का ही जीरा नदी के पार का अम्बपाली गांव भगवान कृष्ण का धाम गोपापुरा बन जाता है. दोनों शहरों के बीच बहने वाली जीरा नदी यमुना नदी का प्रतीक होती है.
धनु यात्रा के बारे में
धनु यात्रा को विश्व का सबसे बड़ा खुला थिएटर माना जाता है. शहर की लगभग पूरी आबादी बरगढ़ के इस उत्सव का हिस्सा बनती है. यह खुले थिएटरों का एक समूह है जिसमें अलग–अलग जगहों पर एक साथ कई तरह के कार्यक्रम चलते रहते हैं. अभिनेता और दर्शक दोनों ही एक नाटक के खत्म होने के बाद दूसरा नाटक करने और देखने के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाते रहते हैं. नाटक का केंद्रीय विषय भगवान कृष्ण द्वारा अत्याचारी राजा कंस को मारने की सदियों पुरानी कहानी होता है.
धनु यात्रा का इतिहास
ऐसी मान्यता है कि धनु यात्रा का यह मौजूदा स्वरूप आजादी के बाद 1948 में शुरू हुआ था. अत्याचारी राजा कंस साम्राज्यवादी ब्रिटिश सरकार का प्रतीक होता था और भगवान कृष्ण लोगों की राष्ट्रवादी आकांक्षा के लिए खड़े दिखते थे.
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