चीन के वैज्ञानिकों ने जैविक अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की. चीन के जैव वैज्ञानिकों ने कम लैक्टोज वाला दूध देने में सक्षम लैक्स नामक बछिया को प्रयोगशाला में पैदा कराया. लैक्स नामक बछिया का जन्म 24 अप्रैल 2012 को इनर मंगोलिया कृषि विश्वविद्यालय में हुआ.
चीन के वैज्ञानिकों ने 11 जून 2012 को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की. इस विज्ञप्ति के अनुसार लैक्स नामक बछिया जैविक रूप से परिष्कृत ऐसी बछिया है जो कम लैक्टोज वाला दूध देने में सक्षम है. इनर मंगोलिया कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर झांग ली के अनुसार उत्तरी हॉलैंड में पाई जाने वाली एक गाय से डेढ़ माह का भ्रूण निकालकर उसकी कोशिका में लैक्टोज को घुलानेवाला एंजाइम डालकर भ्रूण को जैविक रूप से परिष्कृत किया गया. इसके बाद परिष्कृत भ्रूण को जुलाई 2011 में एक गाय के गर्भ में डाला गया. जिसके बाद लैक्स पैदा हुई.
ज्ञातव्य हो कि लैक्टोज दूध में पाया जाने वाला वह शर्करा है जिसकी वजह से दुनिया में बहुत लोग दूध नहीं पीते. अधिक लैक्टोज युक्त दूध से ऐसे लोगों को एलर्जी होती है. ऐसे लोगों को दूध पीते ही शरीर पर दाने निकल आते हैं, मितली आने लगती है और वे डायरिया का शिकार हो जाते हैं.
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