केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (आरयूएसए) को 3 अक्टूबर 2013 को स्वीकृति प्रदान की. यह उच्चतर शिक्षा के लिए एक नई केंद्र प्रायोजित योजना है.
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के मुख्य उद्देश्य
• आरयूएसए के प्रमुख उद्देश्यों में राज्य स्तर पर उच्चतर शिक्षा के योजान्वित विकास के माध्यम से उच्चतर शिक्षा में गुणवत्ता, समानता और दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचना शामिल है.
• योजना में वर्ष 2020 तक कुल दाखिला अनुपात को वर्तमान के 19 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक ले जाने का प्रस्ताव भी है. इससे नए शैक्षिक संस्थानों के निर्माण, वर्तमान संस्थानों के विस्तार के साथ-साथ शिक्षा के स्तर और व्यवसायिक प्रबंधन को सुधारने में मदद प्राप्त होनी है.
• इन संस्थानों से देशभर में विद्यार्थियों को अनुसंधान और गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने में मदद प्राप्त होनी है.
• इस योजना का उद्देश्य विश्वविद्यालयों के साथ साथ महाविद्यालयों को व्यापक स्वायत्ता प्रदान करना है और समान विकास एवं पठन-पाठन गुणवत्ता और अनुसंधान में सुधार पर विशेष ध्यान देना है.
• परियोजना के प्रमुख उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए राज्य द्वारा उच्चतर शिक्षा परिसद योजना,निष्पादन और मूल्यांकन की प्रक्रिया के अलावा अन्य निगरानी और क्षमता संवर्द्धन जैसे कार्यों की देखरेख की जानी है.
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (आरयूएसए) से संबंधित मुख्य तथ्य
• यह योजना 12वीं एवं 13वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान कार्यान्वित होनी है.
• इस योजना में राज्य के उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों पर खास ध्यान दिया जाना है.
• यह सरकार की एक ऐसी नई महत्वपूर्ण योजना है जिससे राज्य स्तर पर सुधारों को दूरदराज तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त होना है.
• आरयूएसए के तहत कुल राज्यों के कुल 316 सार्वजिनक विश्वविद्यालय और 13024 महाविद्यालय शामिल किए जाने हैं.
• इस योजना के माध्यम से पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू एवं कश्मीर में 90:10 के अनुपात में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वित्तीय मदद दी जानी है, जबकि अन्य विशेष श्रेणी वाले राज्यों (सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) में 75:25 के अनुपात में तथा अन्य राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों में 65:35 के अनुपात में वित्तीय सहायता प्रदान की जानी है.
• आरयूएसए में राज्य के विश्वविद्यालयों में उच्चतर शिक्षा को वित्तीय सहायता देने के लिए पूरी मदद प्रदान की जानी है.
• आरयूएसए वित्तीय सहायता के प्रमुख सिद्धांत प्रदर्शन के साथ-साथ स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट मानकों पर आधारित होना है. इन सिद्धांतों से संस्थानों से आवश्यक सूचना एकत्र करने के लिए एक प्रबंधन सूचना तंत्र को स्थापित करने में मदद प्राप्त होनी है.
• आरयूएसए के अंतर्गत किए गए सुधार से राज्य के संस्थान में बेहतर जवाबदेही और स्वायत्ता को बल प्राप्त होना है. साथ ही राज्य विश्वविद्यालयों की क्षमता को बढ़ाने में भी मदद प्राप्त होनी है.
• इस योजना के तहत उपर्युक्त आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकारों को प्रारंभिक धनराशि प्रदान की जानी है.
• राष्ट्रीय स्तर पर योजना को आरयूएसए अभियान प्राधिकरण के द्वारा कार्यान्वित किया जाना है और इसकी सहायता परियोजना सलाहकार समूह, तकनीकी सहायता समूह और परियोजना निदेशालय द्वारा की जानी है.
• आरयूएसए के माध्यम से राज्यों में काम करने वाली प्रमुख एजेंसी एक स्वायत निकाय, राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद (एसएचईसी) होनी है जिनके द्वारा राज्य और केंद्र सरकारों के साथ मिलकर काम किया जाना है.
• एसएचईसी की राज्य परियोजना निदेशालय और तकनीकी सहायता समूह द्वारा मदद की जानी है.
• प्रत्येक संस्थान में एक प्रशासनिक निकाय और एक परियोजना निगरानी इकाई द्वारा परियोजना की प्रगति का मूल्यांकन किया जाना है.
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