जापान के निचले सदन (डाइट) ने 16 जुलाई 2015 को सुरक्षा सम्बन्धी 11 बिलों को बदलने की मंजूरी प्रदान की जिससे आत्मरक्षा कानून में बदलाव किया जा सकेगा. यह कानून जापान में दूसरे विश्व युद्ध से चले आ रहे हैं.
यह कानून जापानी सेना को विदेशों में सक्रिय रूप से लड़ने हेतु उनका मार्ग प्रशस्त करेगा.
अब इन बिलों को ऊपरी सदन से 60 दिनों के भीतर स्वीकृति प्राप्त करनी होगी.
नए बिल के अनुसार सामूहिक आत्मरक्षा का अधिकार दिया गया है जिसके अंतर्गत आक्रमण की स्थिति में जापान अपने सहयोगियों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका की रक्षा करने की अनुमति देता है.
इस बिल का प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने भी समर्थन करते हुए कहा है कि सामूहिक आत्मरक्षा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे नयी चुनौतियों का सामना करने में भी सहयोग प्राप्त होगा.
द्वितीय युद्ध से पहले बना जापान का संविधान आत्मरक्षा के अतिरिक्त किसी संघर्ष की स्थिति में बल प्रयोग की अनुमति नहीं देता. इसे देश के लिए शांतिवादी संविधान के निर्माण हेतु शामिल किया गया था.
जापान कई दशकों से विदेशों में शांतिपूर्ण कार्यों में योगदान देता रहा है इसलिए परिणामस्वरूप उसे दिए जाने वाली पेशकशों को गैर लड़ाकू क्षेत्रों में सैन्य साजो-सामान की सहायता देने तक सीमित हो गया है.
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