कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के जीवविज्ञानी माइकल टूरेली ने डेंगू के लिए जिम्मेदार एडिस एजिप्टी मच्छरों (Aedes aegypti mosquitoes) के नियंत्रण हेतु वोलबाजिया (Wolbachia) सहजीवी जीवाणु विकसित किया. जीवविज्ञानी माइकल टूरेली का यह शोध नेचर जर्नल के अगस्त 2011 के चौथे सप्ताह के संस्करण में प्रकाशित हुआ.
वोलबाजिया नाम का सहजीवी जीवाणु को मादा एडिस एजिप्टी मच्छरों में डाला जाता है. उसके संपर्क में आने वाले नर मच्छर में भी यह आसानी से चला जाता है. इस जीवाणु के संपर्क में आने से एडिस एजिप्टी मच्छरों की जीवन आयु कम हो जाती है. साथ ही इस तरह के मच्छरों की प्रजनन क्षमता भी घट जाती है, जिसकी वजह से इनकी संख्या में कमी आती है.
नेचर जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार जब संक्रमित नर मच्छर किसी मादा के संपर्क में आता है तो अंडे बनते ही नहीं है. इस तरह धीरे धीरे मच्छरों का पैदा होना रोका जा सकता है. इस प्रक्रिया से कुछ दिनों में मच्छरों को पूरी तरह से खत्म भी किया जा सकता है. वोलबाजिया (Wolbachia) सहजीवी जीवाणु मच्छरों की प्रजनन क्षमता खत्म करने में सक्षम है.
ज्ञातव्य हो कि डेंगू की वजह से लाखों लोग बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से पीड़ित होते हैं. भारत जैसे देशों में डेंगू से हर साल सैकड़ों मौतें भी होती हैं. डेंगू बुखार एडीस एजिप्टी नाम के मच्छर (Aedes aegypti mosquitoes) के काटने से होता है.
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