15 जुलाई 2015 को वित्तीय समावेशन की मध्यावधि (पांच वर्ष) कार्ययोजना तैयार करने हेतु गठित कमिटी की अध्यक्षता भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक दीपक मोहंती करेंगे.
यह मध्यावधि पथ संबंधी समिति देश में वित्तीय सेवाओं के प्रसार के लिए कार्य करने हेतु गठित की गयी है.
इस समिति के अन्य सदस्यों की जानकारी निम्लिखित है :
अध्यक्ष:
दीपक मोहंती, कार्यपालक निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक
सदस्य:
प्रो. अशोक गुलाटी, कृषि के लिए इंफोसिस के चेयर प्रोफेसर, भारतीय अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (आईसीआरआईईआर)
डॉ. एसली डेमिरगुक-कुंट, अनुसंधान निदेशक, विश्व बैंक, वाशिंगटन डीसी
ए.पी. होता, एमडी और सीईओ, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम
परेश सुक्थनकर, उप प्रबंध निदेशक, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड
किशोर पी. खरात, कार्यपालक निदेशक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
सुब्रत गुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड)
पवन बक्शी, प्रमुख- फाइनैंसिएल सर्विसिज़ फॉर दि पुअर प्रोग्रेम इन इंडिया, बिल एंड मेलिन्डा गेट्स फाउंडेशन
सुदर्शन सेन, प्रधान मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक
अरुण पसरीचा, मुख्य महाप्रबंधक, उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक
नंदा एस. दवे, मुख्य महाप्रबंधक, भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक
वाई. के. गुप्ता, निदेशक, सांख्यिकी और सूचना प्रबंध विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक
डॉ. सैबल घौष, उप परामर्शदाता, अनुसंधान, उच्चस्तरीय वित्तीय अनुसंधान और अध्ययन केंद्र (केफरल)
समिति आवश्यक समझे जाने पर विभिन्न अधिकारियों/समूहों/संस्थाओं/विशेषज्ञों से परामर्श कर सकती है. समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट इसकी पहली बैठक की तारीख से चार महीनों के अंदर प्रस्तुत करना अपेक्षित है.
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