पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने दोहरी नागरिकता रखकर संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए गृहमंत्री रहमान मलिक सहित 12 जनप्रतिनिधियों को 20 सितंबर 2012 को अयोग्य करार दे दिया.
इसके साथ ही पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को इनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश देते हुए इस संबंध में 2 सप्ताब के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ के अनुसार वर्ष 2008 के चुनाव में गलत हलफनामा देने के कारण रहमान मलिक को विश्वसनीय नहीं माना जा सकता.
जिन अन्य सांसदों को अयोग्य ठहराया गया है उनमें फराहनाज इस्पानी, जाहिद इकबाल, फरहाद मुहम्मद खान तथा जमील मलिक (सभी संसद सदस्य) मोहम्मद इखलाक, अशरफ चौहान, चौधरी वसीम कादिर, आमना बत्तर और नदीम खादिम (सभी पंजाब विधानसभा के सदस्य) तथा अहमद अली शाह नादिया और गबूल सिंध (सिंध विधानसभा) के सदस्य शामिल हैं.
विदित हो कि पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 63-1सी के अनुसार कोई भी सांसद दोहरी नागरिकता नहीं रख सकता.
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