सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ए राजा तत्कालीन सचिव दूरसंचार सिद्धार्थ बेहुरा और राजा के तत्कालीन निजी सचिव आरके चन्दोलिया को 2 फरवरी 2011 को गिरफ्तार कर लिया. इन पर टू-जी स्पेक्ट्रम आबंटन मामले में कुछ दूरसंचार कंपनियों को बेजा लाभ पहुंचने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने और निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप है. इन तीनों को आपराधिक साजिश रचने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया गया. द्रमुक पार्टी के सांसद राजा ने पहली बार 18 मई 2007 को केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के पद पर नियुक्त हुए थे. 15वीं लोकसभा के लिए पुनः चुने जाने के बाद वह 31 मई 2009 से 14 नवंबर 2010 तक संचार मंत्री रहे.
विदित हो कि महालेखाकार परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में टू-जी स्पेक्ट्रम के आवंटन के दौरान 1 लाख 76 हजार करोड़ का सरकारी घाटा दिखाया था जिसके बाद राजा को इस्तीफा देना पड़ा था. सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को 10 फरवरी 2011 तक जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है. द्रमुक केंद्र में कांग्रेस सरकार की महत्वपूर्ण सहयोगी है.
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