फोर्ब्स ने 6 मई 2015 को विश्व में 2000 सबसे अधिक प्रभावशाली कम्पनियों की सूची जारी की. इस सूची में भारत की 56 कंपनियों को भी स्थान प्राप्त हुआ है.
इस सूची में मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज 56 भारतीय कंपनियों में से पहले नंबर पर है. यह फोर्ब्स की 2000 सबसे बड़ी और शक्तिशाली कंपनियों की वार्षिक सूची है. इसमें आय, मुनाफे, परिसंपत्ति तथा बाजार मूल्यांकन के आधार पर कंपनी को स्थान दिया जाता है.
चीन की तीन कंपनियों ने इस सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है. अमेरिका की कुल 564 कंपनियों तथा जापान की 218 कंपनियों को इस सूची में स्थान प्राप्त हुआ है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज मई 2014 तक 50.9 अरब डॉलर के बाजार मूल्यांकन और 72.8 अरब डालर की बिक्री के साथ 135वें स्थान पर है. इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक 23.6 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ 155वें स्थान पर है.
जिन अन्य प्रमुख भारतीय कंपनियों ने इस सूची में जगह बनाई है उनमें ओएनजीसी (176), आईसीआईसीआई बैंक (304), टाटा मोटर्स (332), इंडियन ऑयल (416), एचडीएफसी (422), कोल इंडिया (428), लार्सन एंड टूब्रो (500), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (543), भारती एयरटेल (625), ऐक्सिस बैंक (630), इन्फोसिस (727), बैंक ऑफ बड़ौदा (801), महिंद्रा एंड महिंद्रा (803), आईटीसी (830), विप्रो (849) आदि शामिल हैं.
इस वर्ष सूची में 62 देशों की कंपनियों को जगह मिली जबकि 2003 में जब फोर्ब्स ने इस सूची को जारी करना शुरू किया था उस समय केवल 46 देशों की कम्पनियां ही शामिल थीं.
फ़ोर्ब्स के आंकडों के अनुसार इन सभी कंपनियों को मिलाकर इनकी कुल आय 38,000 अरब डॉलर तथा कुल लाभ 3,000 अरब डॉलर है जबकि इन कंपनियों की कुल परिसंपत्ति 1,61,000 अरब डॉलर है, साथ ही इनका सकल बाजार मूल्यांकन 44,000 अरब डॉलर है. इन कंपनियों में लगभग नौ करोड़ लोग कार्यरत हैं.
चीन का सरकारी बैंक आईसीबीसी (इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना) लगातार दूसरे वर्ष भी पहले स्थान पर है जबकि चाइना कंस्ट्रक्शन बैंक दूसरे एवं एग्रिकल्चर बैंक ऑफ चाइना तीसरे स्थान पर है. शीर्ष 10 कंपनियों में शेष कंपनियां अमेरिका की हैं.
अन्य प्रमुख कम्पनियां जैसे फेसबुक 280वें, एप्पल 12वें, गूगल 39वें तथा वॉलमार्ट 16वें स्थान पर रहीं.
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