 विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन ने 1 जुलाई 2015 को बांग्लादेश के सर फजले हसन आबिद को विश्व खाद्य पुरस्कार 2015 देने की घोषणा की. अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के एक समारोह में पुरस्कार प्राप्तकर्ता के रूप में  आबिद के नाम की घोषणा की गयी.
विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन ने 1 जुलाई 2015 को बांग्लादेश के सर फजले हसन आबिद को विश्व खाद्य पुरस्कार 2015 देने की घोषणा की. अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के एक समारोह में पुरस्कार प्राप्तकर्ता के रूप में  आबिद के नाम की घोषणा की गयी.
उन्हें यह पुरस्कार संयुक्त राज्य अमरीका में स्थित लोवा के डेस मोइनेस में बोरलॉग वार्ता अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान प्रदान किया जायेगा.
प्रख्यात भारतीय कृषि वैज्ञानिक प्रो एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में विश्व खाद्य पुरस्कार के लिए चयन समिति द्वारा इस पुरस्कार हेतु फजले हसन आबिद का चयन किया गया.
आबिद बांग्लादेश के साथ ही 10 देशों में कार्यरत बांग्लादेश रूरल एडवांसमेंट कमिटी (BRAC) के जरिये दशकों तक मानव विकास के सेवक के रूप में विख्यात हैं.
बांग्लादेश रूरल एडवांसमेंट कमिटी 150000 से अधिक कर्मचारियों वाला विश्व का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन है जो रोजगार,गरीबी उन्मूलन और विकास से संबंधित गतिविधियों के विस्तृत हिस्से को कवर करता है. 
विश्व खाद्य पुरस्कार के बारे में
विश्व खाद्य पुरस्कार एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार है जो खाद्य की गुणवत्ता, मात्र व उपलब्धता में सुधारों के जरिये मानव विकास की प्रगति के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वालों को दिया जाता है.
विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेसन द्वारा प्रति वर्ष इसका आयोजन किया जाता है. इसमें पुरस्कार राशि के रूप में विजेता को 250000 डॉलर प्रदान किया जाता है.यह पुरस्कार बोरलॉग वार्ता अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर या इसी के आस पास दिया जाता है.
इसकी स्थापना1987 में विश्व शांति नोबल पुरस्कार विजेता डॉ नार्मन बोरलॉग ने की थी.1990 से इसका आयोजन व्यापारी और फिलेंथ्रोफिस्ट जौन रुआन द्वारा किया जाता है.अब जौन रुआन के पुत्र जौन रुआन तृतीय विश्व खाद्य संगठन के अध्यक्ष हैं.
1987 में इसका पहला पुरस्कार डॉ एम एस स्वामीनाथन को प्रदान किया गया था जबकि वर्ष 2014 का पुरस्कार भारत में जन्मे मैक्सिको के डॉ संजय राजाराम को दिया गया.

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