भारत ने झारखंड जनजातीय सशक्तीकरण आजीविका परियोजना (जेटीएलईपी) के लिए अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) से 5.10 करोड़ अमेरिकी डॉलर के समतुल्य ऋण हेतु एक समझौता 4 अक्टूबर 2013 को किया. इस परियोजना की समय अवधि सितंबर 2021 तक निर्धारित है.
भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के संयुक्त सचिव निलय मिताश और आईएफएडी की ओर से भारत के आईएफएडी के कंट्री प्रोगाम डायरेक्टर निजेल ब्रेट ने समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसी प्रकार झारखंड सरकार की ओर से झारखंड के प्रधान सचिव एल खियांगते ने आईएफएडी के साथ एक परियोजना पर हस्ताक्षर किए.
झारखंड जनजातीय सशक्तीकरण आजीविका परियोजना (जेटीएलईपी)
इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को आजीविका के टिकाऊ अवसर उपलब्ध कराना है. इससे झारखंड राज्य के पहाड़ी जिले के छोटे ग्रामीण उत्पादक, महिलायें, अनुसूचित जाति के परिवार और युवा लाभान्वित होने हैं. झारखंड राज्य के पहाड़ी जिले में गरीबी में कमी लाना इस परियोजना का लक्ष्य है.
नई परियोजना के चार मुख्य घटक हैं : (1) समुदाय का सशक्तीकरण (2) समन्वित प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (3) आजीविका परियोजना (4) परियोजना प्रबंधन.
अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी)
अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट संस्था है. इसकी स्थापना वर्ष 1974 की विश्व खाद्य सम्मेलन के परिणामस्वरूप वर्ष 1977 में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान के रूप में की गई थी. इस संस्था का मुख्य उद्देश्य विकासशील राष्ट्रों में ग्रामीण क्षेत्रों की गरीबी का निवारण करना है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation