लद्दाख में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की पृष्ठभूमि में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से भारत और चीन ने आपसी विश्वास कायम करने के लिए बातचीत की जरूरत पर जोर दिया. बीजिंग में रक्षामंत्री एके एंटनी और चीन के रक्षामंत्री जनरल चांग वैंकुआन के मध्य 5 जुलाई 2013 को हुई शिष्टमंडल स्तर की बातचीत में यह निर्णय लिया गया. इसके साथ ही कई और मसलों पर सहमति बनीं, जो निम्नलिखित हैं:
• दोनों देश संयुक्त सैन्य अभ्यास फिर शुरू करने पर भी सहमत हुए.
• भारत और चीन दोनों पक्षों ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि दोनों देशों की जल सेनाओं और वायु सेनाओं द्वारा एक दूसरे के साथ व्यावसायिक आदान-प्रदान को बढ़ाया जाना है.
• शिष्टमंडल स्तर की बातचीत में दोनों पक्षों ने सीमा पर शांति हेतु संयुक्त प्रयास करने और सीमा के रक्षा बलों के मध्य विभिन्न स्तरों पर संचार तथा समन्वय मजबूत बनाने के उपाय करने पर रजामंदी जाहिर की.
• लद्दाख में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की घुसपैठ के मद्देनजर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति और स्थायित्व कायम रखने के लिए भारत और चीन इस बात पर सहमत हुए कि पारस्परिक विश्वा स बहाली के लिए रणनीतिक संचार जरूरी है.
विदित हो कि भारत के रक्षा मंत्री एके एंटनी 4 दिन की यात्रा पर चीन 4 जुलाई 2013 को पहुंचे.
भारत-चीन के मध्य विशेष प्रतिनिधियों की 16वें दौर की सीमा वार्ता सम्पन्न...
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