भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की वियतनाम यात्रा 14-17 सितम्बर 2014 को संपन्न हुई. राष्ट्रपति ने यह यात्रा वियतनाम के राष्ट्रपति ट्रुऑंग टैन सेंग के निमंत्रण पर की. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के मध्य सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
ये समझौते निम्नलिखित हैं:
1. सीमा शुल्क से जुड़े मामलों में सहयोग एवं परस्पर सहायता पर करार: इस करार का उद्देश्य भारत एवं वियतनाम के बीच सीमा शुल्क से संबंधित मामलों पर सहयोग एवं परस्पर सहायता को सुदृढ़ करना, बढ़ावा देना एवं विकसित करना है. दोनों देश सीमा शुल्क से संबंधित कानूनों को समुचित रूप से लागू करने के लिए तथा वैध व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क से जुड़े अपराधों को रोकने, जांच करने तथा इनसे लड़ने के लिए एक दूसरे की मदद करेंगे. दोनों देश स्वापक औषधियों, मन:प्रभावी पदार्थों, प्रिकर्सर रसायनों तथा अन्य निषिध सामानों के अवैध व्यापार के विरूद्ध अपने प्रवर्तन में भी सहयोग करने तथा सूचना का आदान – प्रदान करने पर भी सहमत हुए.
2. रक्षा खरीद के लिए 100 मिलियन डालर के ऋण से सम्बंधित समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर: इसमें भारत से रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए रियायती ऋण का प्रावधान है. वियतनाम द्वारा खरीदे जाने वाले उपकरणों के व्यौरों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस ऋण से हमारे रक्षा सहयोग में नए अवसरों के द्वार खुलेंगे.
3. पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में दोनों देशों के कृषि मंत्रालयों के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर: यह पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत और वियमनाम के बीच सहयोग स्थापित करता है जिसमें पशुओं की बीमारियों से एक दूसरे के भूभाग की रक्षा करना और पशुओं के व्यापार से उत्पन्न संक्रमण से रक्षा करना, पशु मूल के उत्पादों तथा पशु प्रजनन सामग्रियों से उत्पन्न संक्रमण शामिल है. भारत और वियतनाम मांस प्रसंस्करण, मांस उत्पाद तथा बूचड़खाना आदि के संबंध में विशेष सूचना को भी साझा करेंगे. वे शिष्टमंडलों के आदान – प्रदान, कार्यशाला विशेषज्ञों के दौरों, प्रशिक्षण तथा पशु चिकित्सा अनुसंधान पर सूचना की हिस्सेदारी के माध्यम से पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में मानव संसाधन के प्रशिक्षण एवं उन्नयन में सहयोग प्रदान करेंगे.
4. भारत में पंगासियस ब्रीडिंग एवं फार्मिंग के क्षेत्र की स्थापना के क्षेत्र में सहयोग पर भारत के राष्ट्रीय मछली पालन विकास बोर्ड, हैदराबाद, पशुपालन डेयरी एवं मछली पालन विभाग, कृषि मंत्रालय तथा वियतनाम के मछली पालन निदेशालय, कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर: भारत और वियतनाम के बीच इस एमओयू का उद्देश्य भारत में पंगासियत (कैट फिश) ब्रीडिंग एवं फार्मिंग की प्रौद्योगिकी के अंतरण एवं स्थापना में सहयोग प्रदान करना तथा संयुक्त गतिविधियों, कार्यक्रमों, वैज्ञानिक सामग्री, सूचना एवं कार्मिकों के आदान – प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के बीच संबद्ध गतिविधियों में सहयोग करना है. संयुक्त गतिविधियां पर्यावरण की दृष्टि से स्वस्थ एवं संपोषणीय हैं. पशु कार्य योजना तैयार की जाएगी तथा मार्गदर्शन प्रदान करने, प्रगति की समीक्षा करने तथा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त तकनीकी समिति का गठन किया जाना है.
5. युवा मामलों में सहयोग पर भारत के कौशल विकास, उद्यमशीलता, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय तथा वियतनाम के केंद्रीय हो ची मिन्ह साम्यवादी युवा संघ की केंद्रीय समिति के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर: यह एमओयू युवा विकास एवं उत्कृष्टता के क्षेत्र में भारत एवं वियतनाम के बीच सहयोग के कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रदान करता है जिसके लिए कार्यक्रमों, अनुभव, कौशलों, तकनीकों, सूचना एवं ज्ञान के आदान – प्रदान को बढ़ावा दिया जाना है. युवा कार्यक्रमों के तहत युवा राजनेताओं, युवा उद्यमियों, युवा डाक्टरों, युवा पत्रकारों आदि की भागीदारी शामिल की जानी है.
6. ओएनजीसी विदेश लिमिटेड, भारत तथा वियतनाम आयल एंड गैस ग्रुप (पेट्रो वियतनाम) के बीच समझौता ज्ञापन: ओएनजीसी विदेश लिमिटेड, (ओवीएल) तथा पेट्रो वियतनाम ने भारत के प्रधानमंत्री तथा वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव की मौजूदगी में 20 नवंबर, 2013 को एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया था जिसका उद्देश्य हाइड्रो कार्बन सेक्टर में परस्पर सहयोग को बढ़ावा देना है. पेट्रो वियतनाम ने तेल एवं गैस की खोज के लिए तथा उत्पादन के लिए ओवीएल को नए खण्डों की पेशकश की है. ओवीएल वियतनाम में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने का इच्छुक है तथा प्रस्तुत किए गए खण्डों का मूल्यांकन कर रहा है. इस मंशा पत्र से ऊर्जा क्षेत्र में भारत और वियतनाम के बीच सहयोग और सुदृढ़ होगा तथा इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच भावी सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा.
7. जेट एयरवेज (भारत) और वियतनाम एयर लाइन्स कंपनी लिमिटेड के बीच हस्ताक्षर: इसका उद्देश्य जेट एयरवेज तथा वियतनाम एयरलाइंस द्वारा एक दूसरे के बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाना है. एमओयू के कार्यक्षेत्र में एक दूसरे की सेवाओं पर कोड को शेयर करना शामिल है. 5 नवंबर, 2014 से जेट एयरवेज अपनी मुंबई – बैंकाक उड़ान को हो ची मिन्ह शहर, वियतनाम तक बढ़ाना चाहता है. इस सेवा से दिल्ली से बैंकाक की यात्रा करने वाले यात्री बैंकाक के बाद हो ची मिन्ह शहर के लिए विस्तार उड़ान पकड़ने में समर्थ होंगे.
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