भारत की महिला शतरंज खिलाड़ी ग्रैंडमास्टर हंपी कोनेरू 15 नवंबर 2012 को विश्व महिला शतरंज चैम्पियनशिप से बाहर हो गई. उक्रेन की नतालिया झुकोवा के खिलाफ इस चैम्पियनशिप के दो बाजियों के मुकाबले में हंपी कोनेरू दोनों बाजी हार गई.
भारत की उम्मीदों का दारोमदार अब डी हरिका पर है जिन्होंने आर्मेनिया की एलिना डेनियलेन को पराजित कर इस नाकआउट प्रतियोगता के प्री-क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया. पहली बाजी जीतने के बाद डी हरिका ने ड्रा खेलने को तरजीह दी और आसानी से अगले दौर में प्रवेश कर लिया.
इसके अलावा पोलैंड की मोनिका सोको ने गत चैम्पियन चीन की यिफान हाउ को पराजित कर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया. अब इस मैच के विजेता का फैसला टाईब्रेक बाजी से होना है. हंपी कोनेरू 0-2 के अंतर से हारने वाली एकमात्र खिलाड़ी रही.
वर्ष 2002 से वर्ष 2008 के मध्य हंपी कोनेरू के नाम सबसे युवा महिला ग्रैंडमास्टर का रिकॉर्ड रहा. हंपी कोनेरू ने वर्ष 2001 में विश्व जूनियर गर्ल्स शतरंज चैम्पियनशिप का खिताब जीता. हंपी कोनेरू का जन्म 31 मार्च 1987 को आंध्र प्रदेश में हुआ था.
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