भारत के दस प्रमुख शहरों के 4-12 आयु वर्ग के 62 प्रतिशत बच्चों का ई-मेल आइडी बना हुआ है. जबकि 8-12 आयुवर्ग के 58 प्रतिशत बच्चों का सोशल नेटवर्किग साइट पर अकाउंट है. सूचना प्रौद्योगिकी में वैश्विक सुरक्षा तकनीक कंपनी मैकेफे (McAfee) द्वारा हाउ सेफ आर इंडियन किड्स आनलाइन (How Safe are Indian kids online) शीर्षक के सर्वेक्षण में यह बात कही गई.
वैश्विक सुरक्षा तकनीक कंपनी मैकेफे (McAfee) द्वारा कराए गए इस सर्वेक्षण में अभिभावकों ने स्वीकार किया कि इतनी कम आयु में इंटरनेट का इस्तेमाल करने से वह साइबर अपराध के शिकार हो सकते हैं. यह सर्वे अहमदाबाद, बंगलूर, चेन्नई, कोचिन, हैदराबाद, कोलकाता, लुधियाना, पुणे और दिल्ली में किया गया. इसमें पांच सौ बच्चों और उनके अभिभावकों को शामिल किया गया.
हाउ सेफ आर इंडियन किड्स आनलाइन (How Safe are Indian kids online) शीर्षक के सर्वेक्षण के अनुसार 9-12 आयु वर्ग के बच्चों के 42 प्रतिशत अभिभावक को जानकारी थी कि उनके बच्चे इंटरनेट पर निजी सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं. 58 प्रतिशत बच्चों जिनमें आधे की उम्र 4-8 साल थी उन्होंने माना कि वह अपने घर का पते जबकि 55 प्रतिशत मोबाइल नंबर इंटरनेट पर साझा करते हैं. 9-12 आयुवर्ग के 42 प्रतिशत अभिभावकों को डर है कि उनके बच्चे वयस्क और अश्लील सामग्री के संपर्क में आ सकते हैं.
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