‘नई मंजिल- अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा एवं कौशल प्रशिक्षण’ हेतु 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर (समतुल्य) के आईडीए ऋण के लिए विश्व बैंक के साथ 1 जनवरी 2016 को एक वित्तपोषण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.
भारत सरकार की ओर से आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) में संयुक्त सचिव राज कुमार और विश्व बैंक की ओर से भारत में विश्व बैंक के परिचालन सलाहकार माइकल हैनी ने इस वित्तपोषण समझौते पर हस्ताक्षर किए.
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के प्रतिनिधिगण और विश्व बैंक के अनेक अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे.
इस परियोजना का कुल आकार 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का है, जिनमें से 50 मिलियन डॉलर आईडीए ऋण के रूप में उपलब्ध होंगे, जबकि शेष राशि का वित्तपोषण केंद्रीय बजट से होगा.
इस परियोजना के तहत अल्पसंख्यक युवाओं की शिक्षा और उनके कौशल विकास की दिशा में एक एकीकृत एवं समग्र दृष्टिकोण अपनाया गया है, ताकि बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक युवाओं द्वारा अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देने और उनके बीच बेरोजगारी की ऊंची दर की समस्याओं से निजात पाई जा सके.
इस परियोजना से मुख्यत: वे अल्पसंख्यक बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) युवा लाभान्वित होंगे जिनकी आयु 17 साल से लेकर 35 साल तक है.
इस परियोजना से इसके दायरे में आने वाले क्षेत्र में रहने वाले अल्पसंख्यक युवाओं की शिक्षा प्राप्ति के साथ-साथ उनके रोजगार कौशल में भी उल्लेखनीय सुधार संभव हो पाएगा.
यह परियोजना परिणाम आधारित वित्तपोषण साधन का अनुसरण करेगी और परियोजना राशि का वितरण विशिष्ट नतीजों की प्राप्ति जैसे कि दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या, शिक्षा एवं कौशल घटकों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले छात्रों की संख्या इत्यादि के आधार पर होगा. इस परियोजन के बंद होने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर, 2021 है.
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