अप्रैल 2015 में प्रकाशित पुस्तक ‘इंडियन बम्बलबीज़’ के अनुसार भारत में 250 में से 48 भंवरों की प्रजातियों का निवास स्थान है.
यह पुस्तक प्रसिद्ध कीटविज्ञानी एम.एस सैनी एवं उनके सहयोगियों रिफात एच रैना तथा हरप्रीत सिंह घटोर द्वारा लिखी गयी है.
भंवरों के बारे में जानकारी
मधुमक्खियों की भांति भंवरे भी सामाजिक प्राणी हैं तथा झुण्ड में रहना पसंद करते हैं. इनकी कालोनियों का आकार प्रजातियों के अनुरूप भिन्न हो सकता है.
इनके शरीर पर अधिकतर काले, पीले और लाल रंग के बाल होते हैं तथा यह 2000 से 15000 फीट की ऊंचाई पर पाए जाते हैं जिसमें हिमालय, जम्मू कश्मीर तथा नागालैंड क्षेत्र शामिल हैं.
कालोनी की स्थापना रानी करती है जो शीत ऋतु में सुप्तप्राय अवस्था में रहती है. वसंत ऋतु में रानी एक स्थान पर अंडे देती है, जिससे निकलने वाली मक्खियां आगे चलकर कार्यकारी भूमिका निभाती हैं.
वनस्पति जीविका के लिए इनका महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि वे ही ऐसे प्राणियों में शामिल हैं जो प्रतिकूल जलवायु में भी रह सकती हैं.
वे हिमालय के उच्च स्थानों में सब्जियों, फलदार पेड़ों तथा फसलों के परागकणों को छिड़कने का कार्य भी बखूबी करती हैं.
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