भारत और पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों से दुर्घटना के खतरे को कम करने के लिए हुए करार को पांच वर्ष तक और बढ़ाया. दोनों देश के विशेषज्ञ स्तर की वार्ता इस्लामाबाद में हुई और एग्रीमेंट ऑन रिड्यूसिंग द रिस्क फ्रॉम एक्सीडेंट्स रिलेटिंग टू न्यूक्लियर वीपंस नामक करार की वैधता को 21 फरवरी 2012 को पांच वर्ष के लिए और बढ़ा दिया गया.
भारत और पाकिस्तान के मध्य परमाणु हथियारों से दुर्घटना के खतरे को कम करने के लिए एग्रीमेंट ऑन रिड्यूसिंग द रिस्क फ्रॉम एक्सीडेंट्स रिलेटिंग टू न्यूक्लियर वीपंस नामक करार वर्ष 2007 में किया गया था. इस करार की वैधता 21 फरवरी 2012 को समाप्त हो रही थी. करार के तहत दोनों देशों को बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के पूर्व सूचना दी जानी है.
ज्ञातव्य हो कि भारत और पाकिस्तान के विशेषज्ञ स्तर की वार्ता छह चक्र तक चली थी और 11 दिसंबर 2011 को करार बढ़ाने पर सहमति बनी थी. सहमति के तहत मौजूदा परमाणु एवं पारंपरिक द्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलों की पहुंच की समीक्षा और इस बारे में आगे क्या किया जा सकता है इसके लिए अतिरिक्त उपाय करने के प्रस्ताव भी हैं. इसके अलावा दोनों देशों के नौसैनिक पोतों के बीच समुद्र में होने वाली घटनाओं को रोकने पर भी सहमति बनी. परमाणु और परंपरागत मिसाइलों पर बातचीत दोनों देशों के बीच चल रही शांति प्रक्रिया का हिस्सा है.
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