आठ वैज्ञानिकों को 5 फरवरी 2016 को यूनेस्को द्वारा नैनो साइंस और नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में योगदान देने के लिए मेडल प्रदान किये गये.
वर्ष 2014 के फिज़िक्स नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर इसामु आकासकी इन विजेताओं में से एक हैं.
वर्ष 2016 के विजेताओं की सूची
| नाम | देश | योगदान | |
| प्रोफेसर इसामु आकासकी | जापान | उन्होंने नीली रोशनी वाली लाइट की खोज की जिससे सफ़ेद रोशनी के अस्तित्व का पता चल सका | |
| प्रोफेसर ली जिंग | चीन | उन्होंने विशेष रूप से तैयार किये गये वेटेबिलिटी सहित बायो-स्पिन सरफेस तैयार किया | |
| प्रोफेसर फिलिप पेर्नोड | फ्रांस | उन्होंने नैनोस्ट्रक्चर चुम्बकीय मल्टीफेर्रोइक फिल्म की खोज की. साथ ही उन्होंने माइक्रो मैग्नेटो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम तथा मल्टीस्टेबल स्ट्रक्चर पर योगदान दिया. | |
| प्रोफेसर निकोलस कोतोव | संयुक्त राज्य अमेरिका | उन्होंने बायोमेट्रिक सेल्फआर्गेनाईजेशन ऑफ़ नैनो कोलाइड, अल्ट्रा स्ट्रांग नैनो कोम्पोसिट्स, टिश्यू इंजीनियरिंग एवं नैनो स्केल ड्रग्स पर अपना योगदान दिया. | |
| अकदमीशियन गेन्नादी क्रास्निकोव | रूस | विनिर्माण उद्योग में नैनोतकनीक के बारे में उनके द्वारा दिया गया योगदान | |
| प्रोफेसर इगोर अशुरबेय्ली | रूस | उन्होंने नई पीढ़ी के माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक यंत्रों, सूचना संयंत्र एवं तकनीक के क्षेत्र में योगदान दिया. | |
| डॉक्टर मिखाइल दुबिना | रूस | नवीन मेडिकल तकनीक के क्षेत्र में नैनो तकनीक का विकास करके बायोप्रोसेस के लिए नए सिरे से कार्य करके उन्होंने योगदान दिया. | |
| डॉक्टर नताल्या मिखाय्लोवा | रूस | उनके द्वारा नैनो तकनीकी द्वारा अस्थमा सम्बन्धी दवा का निर्माण, कोस्मेटोलॉजी, पोलीसेचेराइड डेवलपमेंट, कैंसर थेरेपी तथा प्लास्टिक सर्जरी क्षेत्र में योगदान दिया गया. | |
यूनेस्को मेडल
• इसकी स्थापना वर्ष 2010 में इंटरनेशनल कमीशन द्वारा नैनो साइंस और नैनो टेक्नोलॉजी से एनसाएक्लोपीडिया ऑफ़ लाइफ सपोर्ट सिस्टम के विकास तहत की गयी थी.
• यह प्रतिवर्ष यूनेस्को के डायरेक्टर-जनरल द्वारा प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों एवं संगठनों को नैनो तकनीक के विकास के लिए दिया जाता है.
• वर्ष 2000 में फिज़िक्स नोबेल पुरस्कार के विजेता ज्होरेस अल्फेरोव एवं चीन विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष चुनली बाई को भी यह पुरस्कार प्रदान किया गया
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