राजस्थान सरकार ने 5 जून 2015 को खनिज नीति-2015 जारी किया. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिल्ली में आयोजित एंबेसडसर राउंड टेबल कांफ्रेंस में ‘खनिज नीति-2015’ जारी की. खनिज नीति-2015 में अवैध खनन पर सजा 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष तथा जुर्माना 25 हजार रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की घोषणा की गई. इसके साथ ही अवैध खनन करने वालों से 15 गुना रायल्टी वसूली के प्रावधान नई नीति में किए गए. ‘खनिज नीति-2015’ के तहत खनन से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए सेटलमेंट कमेटी गठित करने का प्रावधान किया गया.
खनिज नीति-2015 के प्रमुख बिन्दु:
• खनिज क्षेत्रों में अन्तरराष्ट्रीय कंपनियों से सर्वे.
• रासायनिक प्रयोगशाला का आधुनिकीकरण.
• स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन.
• नागुरडा लिग्नाइट ब्लॉक में अंडरग्राउंड कोल गैसीफिकेशन के लिए नेयवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन से ज्वाइन्ट वेन्चर होगा.
• वन क्षेत्र में निजी आवेदकों द्वारा भूमि अनारक्षण करा खान प्राप्त की जा सकेगी.
• टेंडर या नीलामी या लॉटरी मिलेंगे खनन पट्टे.
• प्रधान से अप्रधान घोषित 31 खनिजों के खनन पट्टे न्यूनतम 4 हेक्टेयर क्षेत्र के एवं खनिज बजरी के खनन पट्टे 5 से 50 हेक्टे. क्षेत्र के दिये जायेंगे.
• खनिज सेंड स्टोन के खनन पट्टे खातेदारी भूमि में न्यूनतम 1 हेक्टेयर क्षेत्र के दिए जायेंगे.
• क्वारी लाइसेंस की अवधि 30 साल तथा खनन पट्टों की अवधि 50 साल की जायेगी.
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