राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 18 अप्रैल 2015 को पटना उच्च न्यायालय के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया. उन्होंने उच्च न्यायालय के गौरवशाली न्यायिक इतिहास को चिह्नित करने के लिए इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया. इस मौके में भारत के मुख्य न्यायधीश भी मौजूद थे. समारोह में भाग लेने वाले अन्य सदस्य बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, क़ानून मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर थे.
पटना उच्च न्यायालय की नींव 1 दिसंबर 1913 को भारत के वायसराय लार्ड चार्ल्स हार्डिंग ने रखी थी. अपने शरुआती दिनों में पटना उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश और 6 अन्य न्यायधीश हुआ करते थे.
वर्तमान में पटना उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश के अलावा 43 अन्य न्यायाधीश हैं. भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने पटना उच्च न्यायालय में प्रशिक्षण लिया था.
पटना उच्च न्यायलय के तीन मुख्य न्यायाधीश बीपी सिन्हा, न्यायाधीश ललित मोहन शर्मा और न्यायाधीश राजेन्द्र मल लोढ़ा आगे चलकर भारत के मुख्य न्यायाधीश भी नियुक्त हुए.

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