वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधीन आने वाली विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने समुद्र के भीतर बिछाई जाने वाली ‘बे-ऑफ बंगाल गेटवे सबमरीन केबल सिस्टम’(Bay of Bengal Gateway Submarine Cable System) को तटीय नियमन जोन (Coastal Regulation Zone) के तहत 24 सितंबर 2014 को मंजूरी प्रदान की. यह केबल ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, भारत, श्रीलंका और मलेशिया तक जाएगी.
विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने मुंबई और चेन्नई में भारत के हिस्से में पड़ने वाली इस केबल प्रणाली के 100 गीगाबाइट प्रति सेंकेड (100 गीगा) की प्रणाली को मंजूरी दी .
मुंबई में केबल बिछाने की इस परियोजना का काम वोडाफोन साउथ लिमिटेड द्वारा जबकि चेन्नई के संथोमे समुद्र तट पर केबल बिछाने की इस परियोजना का काम मुकेश अंबानी समूह की इंफोटेल टेलीकॉम लिमिटेड द्वारा किया जाना है.
बंगाल की खाड़ी से चलने वाली इस 8000 किलोमीटर लंबी केबल प्रणाली के द्वारा छह देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कनेक्टिविटी, निर्भरता और तीव्र गति सुनिश्चित की जा सकेगी.
विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने अपनी हाल में हुई बैठक में कहा है कि समिति ने परियोजना के इस प्रस्ताव को सीआरजेड (तटीय नियमन जोन) मंजूरी के लिये इस शर्त के साथ भेजा है कि परियोजना के तहत नियमों का कड़ाई से पालन किया जायेगा.
विदित हो कि वोडाफोन समूह, डियालोग एक्सिया, एमिरेट्स टेलिकम्युनिकेशंस कार्पोरेशन, रिलायंस जियो इंफोकॉम,ओमानटेल और टेलिकॉम मलेशिया ने मिलकर वर्ष 2013 में ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, भारत और श्रीलंका तथा मलेशिया के बीच नई 100 गीगाबाइट प्रति सैकिंड गति की समुद्री केबल प्रणाली बिछाने के टर्न-की अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे.
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