भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट का दौर लगातार जारी है और सरकार एवं विभिन्न निकायों के प्रयासों के विशेष असर नही पड़ने के बीच भारतीय रुपये में भी विदेशी मुद्राओं के मुकाबले गिरावट लगातार जारी है. डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 21 अगस्त 2013 को अपने सर्वकालिक न्यूनतम स्तर रुपये 64.11 प्रति डॉलर तक गिर गया जो कि रुपये के इतिहास का अब तक सबसे निचला स्तर है.
साथ ही, भारतीय रुपये विदेशी मुद्रा पौंड के मुकाबले भी लगातार गिरता जा रहा है; 21 अगस्त 2013 को यह 100 रुपये प्रति पौंड से भी नीचे चला गया.
मुद्रा बाजार में भारतीय रुपये की प्रमुख विदेशी मुद्राओं विशेषकर डॉलर के मुकाबले गिरावट के मुख्य कारणों में शामिल हैं-
• चालू वित्तीय घाटा
• भारतीय अर्थव्यवस्था की लगातार खराब होती स्थिति
• सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट
• रेटिंग घटने की संभावना
• जोखिम घटने से डॉलर सूचकांक में मजबूती
• लगातार बढ़ता आयात
• आरबीआई तथा सरकार के प्रोत्साहन उपायों का गिरता प्रभाव
• कमजोर औद्योगिक उत्पादन तथा उच्च ब्यार दरें
• अपर्याप्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश तथा विदेशी संस्थागत निवेश
• सरकार की अधिनियामक तथा नीतिगत अक्षमता
• उभरते बाजारों पर यूरोपीय संकट का प्रभाव
• चीन में मंदी से कमोडिटी आधारित अर्थव्यवस्थाओं पर प्रभाव
• सुरक्षित तथा तरल बांडों की ओर मुद्रा प्रवाह का बढ़ना
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