रेलवे के विविध और विस्तृत स्वरूप के कारण इसके उपभोक्ता भी विविध हैं. आम आदमी से लेकर बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, रोगी, विकलांग सभी इसका उपयोग करते हैं. इनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 2010-11 बज़ट में निम्नलिखित प्रावधान किये गए:
- महिला यात्रियों की सुरक्षा में सुधार के लिए महिला वाहिनी के नाम से महिला रेल सुरक्षा बल की 12 कंपनियों के गठन का प्रस्ताव. नियुक्तियों में अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों से संबंधित महिलाओं को प्राथमिकता
- कैंसर रोगियों के लिए तृतीय वातानुकूल और शयनयान श्रेणी में रियायत को 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव. एक मार्गरक्षी (अटेंडेंट) की इन श्रेणियों में रियायत 75 प्रतिशत बरक़रार.
- सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों पर आधुनिक ट्रालियां शुरू करने का प्रस्ताव. वर्दीधारी कुलियों को वरिष्ठ नागरिकों व महिला यात्रियों को उनके सामान सहित सवारी डिब्बों में आराम से चढ़ने या उतरने में सहायता करने के निर्देश.
- मातृभूमि नाम से महिला स्पेशल ट्रेनों को प्रमुख महानगरों के निम्न उपनगरीय खण्डों में चलाने का प्रस्ताव
1. दिल्ली – पानीपत
2. बारासात – सियालदह
3. कृष्णानगर – सियालदह
4. फलकनुमा – लिंगमपल्ली
5. ठाणे – वाशी
6. पनवेल – नेरुल – ठाणे
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