मार्च 2014 को खत्म हुए वित्त वर्ष में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 15.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. यह जानकारी 26 मई 2014 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा वित्तवर्ष 2013– 14 में विदेशी मुद्रा भंडार में बदलाव के स्रोतों पर जारी किए गए आंकड़ों से प्राप्त हुई.
आंकड़ों के अनुसार मार्च 2014 को खत्म हुए वित्त वर्ष में विदेशी मुद्रा भंडार 303.67 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. इसमें 2013 में हुए 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट की तुलना में 2014 में 12.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की मामूली बढ़त हुई.
मूल्य निर्धारण में कमी, क्रॉस करेंसी गतिविधियों को दर्शाता है. सोने की कीमतों में कमी 2013 के 6.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.
वर्ष 2013 के 88.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के चालू खाता शेष की तुलना में वर्ष 2014 में यह 32.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. हालांकि पोर्टफोलियो निवेश में भारी कमी की वजह से पूंजी खाता शेष वर्ष 2013 के 92 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 2014 में 47.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर ही रहा.
वर्ष 2014 के दौरान, पोर्टफोलियो निवेश में 4.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी दर्ज की गई जो वर्ष 2013 में 26.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. कुल विदेशी निवेश के मामले में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वर्ष 2013 के 19.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई और वर्ष 2014 में यह 21.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा.
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा निवेश में 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आई.
बैंकिंग कैपिटल के संदर्भ में एनआरआई जमा में लगभग दुगुनी बढ़ोत्तरी हुई. वर्ष 2013 में यह जहां 14.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था वहीं मार्च 2014 को खत्म हुए वित्त वर्ष में यह 38.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.
वर्ष 2014 के दौरान बाह्य वाणिज्यिक ऋण वर्ष 2013 के 8.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में बढ़कर 11.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गया.

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