भारत की क्रेडिट रेटिंग कंपनियों में से एक क्रिसिल ने 2 जनवरी 2014 को एक वित्तीय समग्रता सूचकांक 2013 जारी किया. वित्तीय समग्रता सूचकांक 2013 में भारत के वित्तीय संस्थानों को वर्ष 2012 की तुलना में 2.7 प्रतिशत बेहतर बनाता गया है. यह सूचकांक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आकड़ों के आधार पर तैयार किया गया है.
कुल 100 में से 42.8 अंकों वाला अखिल भारतीय स्तर पर क्रिसिल समग्रता सूचकांक देश में औपचारिक बैंकिंग प्रणाली की पहुंच को दर्शाता है. यह सूचकांक देश के सभी 638 जिलों में वित्तीय समग्रता का मापन करता है.
वित्तीय समग्रता सूचकांक 2013 के मुख्य बिंदु:-
• वर्ष 2012 में कुल 79 मिलियन सेविंग अकाउंट खोल गये जो कि वर्ष 2011 की तुलना में 12.6 प्रतिशत अधिक था.
• कृषि क्षेत्र में वित्त का प्रवाह 11.1 प्रतिशत रहा जो कि वित्त वर्ष 2009 के बाद से सर्वाधिक था.
• निम्न 100 जिलों में बैंकों की शाखाएं 6 प्रतिशत बढ़ीं जो कि पूरे भारत के औसत 5.6 प्रतिशत के कहीं अधिक रहा.
• प्रत्येक दो भारतीय नागरिकों में से एक के पास सेविंग बैक अकाउंट था तथा सात में से एक को बैंक वित्त सुलभ हुआ.
• देश के छह बड़े शहरों में कुल बैंक शाखाओं का 10 प्रतिशत था जबकि निम्न 50 जिलों में 2 प्रतिशत बैंक शाखाएं थीं.
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