4 जनवरी - विश्व ब्रेल दिवस
विश्व ब्रेल दिवस 4 जनवरी 2014 को पूरे विश्व में मनाया गया. विश्व ब्रेल दिवस प्रति वर्ष 4 जनवरी को लुई ब्रेल के जन्मदिन के स्मरणोत्सव के रूप में मनाया जाता है.
विश्व ब्रेल दिवस के दिन गैर-सरकारी संगठनों के साथ-साथ अन्य संगठन भी दृष्टि-बाधित लोगों को अन्य लोगों के समान स्थान दिलवाने में मदद करने के लिए उनके साथ बरती जाने वाली उपेक्षा के विरुद्ध जागरूकता पैदा करने के लिए एकसाथ काम करते हैं. यह दिन लोगों को अंधे लोगों के पढ़ने के लिए ब्रेल भाषा में साहित्य रचने का महत्त्व समझने में भी सहायता करता है.
फ़्रांस में 4 जनवरी 1809 को जन्मे लुई ब्रेल को ब्रेल लिपि के आविष्कार का श्रेय प्राप्त है. यह लिपि दृष्टि-बाधित लोगों को पढ़ने के साथ-साथ लिखने में भी मदद करती है. लुई ब्रेल तीन वर्ष की उम्र में हुई एक दुर्घटना में अंधे हो गए थे. उन्होंने कागज पर उभरे हुए बिंदुओं के आधार पर एक भाषा निर्मित की, जिन्हें महसूस किया जा सकता है और व्यक्ति दिखने में असमर्थ हर चीज को पढ़ सकता है. उन्होंने साहित्य का आस्वादन करने के लिए ऐसा किया.
ब्रेल एक कूट भाषा है, जिसमें वर्णों और संपूर्ण अक्षरों की प्रस्तुति के लिए सतह पर उभारों और अभिज्ञानों का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक जटिल भाषा है, जिससे अंधा व्यक्ति पढ़ने में समर्थ हो जाता है. भाषा होने के कारण कूटों (कोड्स) से संगीत, गणित और कंप्यूटर-प्रोग्रामिंग जैसे विषय तैयार किए जा सकते हैं, जिन्हें पढ़ा जा सकता है.
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