इटली के बूस्टो अर्सीजियो में स्थित न्यायालय ने 9 अक्टूबर 2014 को भारत के साथ 3600 करोड़ रुपयों के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में ग्यूसेप ओरसी और ब्रूनो स्पैगनोलिनी को भ्रष्टाचार के मामलों से बरी कर दिया.
हालांकि, न्यायालय ने चालान में हेराफेरी कर कम शुल्क अदा करने के मामले में ओरसी और स्पैगनोलिनी को आरोपी पाया और उन्हें दो साल की कैद की सजा सुनाई. न्यायालय ने पाया कि इन दोनों ने ग्यूडो हैस्चेक नाम के बिचौलिये को पैसे देने के लिए गलत सूचनाएं दी. इस बिचौलिये पर अभियोजन पक्ष ने भारत में अधिकारियों को घूस देने का आरोप लगया था.
इसके अलावा, न्यायालय ने इन्हें इटली के कर अधिकारियों को बतौर मुआवजा 1.5 मिलियन यूरो का भुगतान करने और कथित बिचौलिए ग्यूडो हैस्चेक को 22 माह के कैद की सजा सुनाई.
ओरसी फिनमेक्कानिका के पूर्व सीईओ और स्पैगनोलिनि फिनमेक्कानिका की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड का पूर्व प्रमुख है.
पृष्ठभूमि
भारतीय नौ सेना को 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की आपूर्ति करने का सौदा 2010 में भारत सरकार और कंपनी के बीच हुआ था, लेकिन इस घोटाले के कारण भारत सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड के साथ हुआ यह सौदा 1 जनवरी 2014 को रद्द कर दिया और 5 अगस्त 2014 को फिनमेक्कानिका के साथ आगामी संबंधों को ठंडे बस्ते में डाल दिया.
अब, भारत अखंडता संधि लागू कर और बैंक गारंटी को भुनाकर अनुबंध के तहत भुगतान किए गए 252 मिलियन यूरो में से 228 मिलियन यूरो वापस ले चुका है और वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में भारत और कंपनी के बीच मध्यस्थता की कार्यवाही शुरु की जा चुकी है.
इसके अलावा, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय भारत में पूर्व वायुसेना प्रमुख एस पी त्यागी और उनके चचेरे भाईयों के शामिल होने के आरोप की जांच कर रहे हैं.
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