केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गैर-संगठित क्षेत्र के कामगारों तथा विशेष रूप से कमजोर वर्गों सहित समाज के सभी वर्गों को वृद्धावस्था सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए स्वावलंबन योजना लागू करने की मंजूरी 9 अगस्त 2010 को दी. स्वावलंबन योजना के तहत गैर-संगठित क्षेत्र के कामगारों को अपनी वृद्धावस्था के लिए स्वेच्छा से बचत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. केंद्र सरकार उन लाभार्थियों के एनएफएस खाते में प्रति वर्ष 1000 का योगदान करेगी, जिनका स्वयं योगदान प्रति वर्ष 1000-12000 का होगा.
स्वावलंबन योजना के अनुसार प्रति वर्ष 10 लाख लोगों को योजना के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा गया जिसकी शुरुआत वर्ष 2010-11 से होगी और वर्ष 2013-14 तक चलेगी. यानि कुल 40 लाख लोग इस योजना से लाभान्वित होंगे. केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत नई पेंशन व्यवस्था के लाभार्थियों के लिए वर्ष 2013-14 तक 1000 करोड़ योगदान के रूप में देने का प्रस्ताव भी किया. योजना में लोगों की सदस्यता और संचालन के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पेंशन कोष नियमन और विकास प्राधिकरण (PFRDA – Pension Fund Regulatory and Development Authority) को करीब 100 करोड़ की सहायता देने को भी मंजूरी दी. नई पेंशन नीति (NPS – New Pension System) गैर-संगठित क्षेत्र के कामगारों तथा विशेष रूप से कमजोर वर्गों सहित समाज के सभी वर्गों को वृद्धावस्था सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए अपने तरह की पहली योजना थी, जिसकी अगली कड़ी स्वावलंबन योजना है.
30 करोड़ गैर-संगठित क्षेत्र के कामगारों का एक बड़ा तबका बुढ़ापे में आर्थिक असमर्थता का शिकार होता है क्योंकि संगठित क्षेत्र की पेंशन योजना का फायदा उन्हें नहीं मिल पाता है. इस को ध्यान में रखते हुए स्वावलंबन योजना केंद्र सरकार की एक दूरगामी योजना है जिसमें लोगों को स्वेच्छा से अपने बुढ़ापे के लिए बचत के लिए प्रेरित करना है, ताकि सरकार पर सामाजिक सुरक्षा का बोझ धीरे धीरे कम किया जा सके.
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