गाड़ी चलाते समय क्या पहनना है और क्या नहीं, इसको लेकर अक्सर लोगों में भ्रम होता है, खासकर "चप्पल पहनकर गाड़ी चलाने पर चालान कटेगा" जैसी बातों को लेकर। कई सोशल मीडिया पोस्ट और अफवाहों के चलते लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या सच में मोटर वाहन अधिनियम में ऐसा कोई नियम है? इस आर्टिकल में हम आपको इसी से जुड़ी पूरी जानकारी देनें जा रहे हैं।
मोटर वाहन अधिनियम में क्या कहता है कानून?
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) में ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है जो कहता हो कि चप्पल पहनकर गाड़ी चलाने पर सीधे चालान कटेगा। इसका मतलब यह है कि केवल चप्पल पहनने के कारण आपका चालान नहीं किया जा सकता।
क्या चप्पल पहनकर ड्राइविंग खतरनाक है?
हालांकि, ट्रैफिक सेफ्टी के नजरिए से यह जरूर माना जाता है कि चप्पल, फ्लिप-फ्लॉप या लूज फुटवियर पहनकर गाड़ी चलाना जोखिम भरा हो सकता है। इनसे पैर ब्रेक या एक्सीलेरेटर से फिसल सकता है जिससे वाहन पर नियंत्रण खोने का खतरा बढ़ जाता है।
लापरवाही या असुरक्षित ड्राइविंग पर हो सकता है चालान
अगर ड्राइवर का फुटवियर उसकी ड्राइविंग को प्रभावित करता है और वह सड़क पर असुरक्षित तरीके से वाहन चलाता पाया जाता है, तो ट्रैफिक पुलिस उसे "लापरवाहीपूर्ण या असुरक्षित ड्राइविंग" की कैटेगरी में लाकर चालान काट सकती है।
क्या कहती हैं आधिकारिक एजेंसियां?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय समेत कई सरकारी स्रोतों ने यह साफ किया है कि चप्पल पहनने पर कोई चालान नहीं होता। साथ ही नीचे दी गई चीजों पर भी नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कोई चालान का प्रावधान नहीं है:
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आधी बाँह की शर्ट पहनने पर
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लुंगी बनियान में गाड़ी चलाने पर
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गाड़ी में एक्स्ट्रा बल्ब रखने पर
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गाड़ी का शीशा गंदा होने पर
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चप्पल पहनकर गाड़ी चलाने पर
सिर्फ चप्पल पहनना चालान का कारण नहीं है, लेकिन यदि इससे ड्राइविंग प्रभावित होती है तो चालान संभव है। इसलिए, गाड़ी चलाते समय सुरक्षित और ग्रिप वाले फुटवियर पहनना हमेशा बेहतर होता है।
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