भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह अपने साफ-सुथरे समुद्र तटों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन यह दक्षिण एशिया के एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी का घर भी है। बैरन आइलैंड पर स्थित यह ज्वालामुखी पिछले आठ दिनों में दो बार हल्के स्तर पर फट चुका है।
अधिकारियों के अनुसार, 13 सितंबर और 20 सितंबर को हुए विस्फोट मध्यम स्तर के थे। यह द्वीप पोर्ट ब्लेयर से समुद्र के रास्ते लगभग 140 किलोमीटर दूर है और यहां कोई नहीं रहता है। यह उस जगह पर स्थित है जहां बर्मा और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, अधिकारियों ने ज्वालामुखी विस्फोट की जानकारी की पुष्टि की है। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, ज्वालामुखी में आखिरी विस्फोट 2022 में हुआ था।
बैरन आइलैंड कहां स्थित है?
बैरन आइलैंड अंडमान सागर में स्थित है, जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी श्री विजया पुरम से लगभग 138 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में है। यह दक्षिण एशिया के एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी के रूप में प्रसिद्ध है। इस द्वीप का आकार लगभग 3 वर्ग किलोमीटर है और इसका ज्यादातर हिस्सा राख और ज्वालामुखी शंकुओं से ढका हुआ है। दूर से देखने पर यहां ज्यादा हरियाली नहीं दिखती है।
बैरन आइलैंड पर हाल की ज्वालामुखी गतिविधियां
अंडमान और निकोबार प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, बैरन आइलैंड में पहला विस्फोट 1787 में हुआ था। PTI के अनुसार, 1991, 2005, 2017 और 2022 में भी यहां हल्के विस्फोट हुए थे।
1991 के विस्फोट का द्वीप के वन्य जीवन पर बुरा असर पड़ा था। द्वीप के कठोर वातावरण के कारण, यहां ज्यादा जानवर नहीं रहते हैं, हालांकि यहां बकरियों, चूहों और कबूतरों की कुछ प्रजातियां पाई जाती हैं।
बैरन आइलैंड का वन्य जीवन
कुछ सिद्धांतों के अनुसार, इस द्वीप पर बकरियां बंगाल की खाड़ी में हुए एक जहाज हादसे के बाद बची रह गईं और वे ज्वालामुखी की ढलानों पर मौजूद मीठे पानी के झरनों के कारण यहां जीवित रह पाईं।
भारत में ज्वालामुखी
वैसे तो भारत की मुख्य भूमि पर कोई सक्रिय ज्वालामुखी नहीं है, लेकिन यहां कुछ निष्क्रिय और विलुप्त ज्वालामुखी जरूर हैं।
ज्वालामुखी का नाम
स्थान | स्थिति |
Narcondam Island | निष्क्रिय |
Deccan Plateau | विलुप्त |
Baratang Island | सक्रिय (कीचड़ वाला ज्वालामुखी) |
Dhinodhar Hills | विलुप्त |
Dhosi Hill | विलुप्त |
Tosham Hills | विलुप्त |
Loktak Lake | सुपरवॉल्केनिक काल्डेरा |
दुनिया भर के सक्रिय ज्वालामुखी
स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूट के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम की ग्लोबल वॉल्केनिक रिपोर्ट के अनुसार, 6 अगस्त, 2025 तक दुनिया भर में लगभग 46 ज्वालामुखी फट रहे थे। यहां "लगातार विस्फोट" का मतलब यह नहीं है कि ज्वालामुखी से हर समय लावा निकलता रहता है, बल्कि इसका मतलब है कि हर तीन महीने के अंदर कभी-कभार विस्फोट होते रहते हैं।
ज्वालामुखी | देश | महाद्वीप |
क्राशेनिनिकोव | रूस | एशिया |
रेक्यानेस | आइसलैंड | यूरोप |
टेलिका | निकारागुआ | उत्तरी अमेरिका |
किरीशिमायामा | जापान | एशिया |
करीम्स्की | रूस | एशिया |
बुलुसन | फिलीपींस | एशिया |
क्लुचेव्सकोय | रूस | एशिया |
रांग | इंडोनेशिया | एशिया |
लेवोटोलोक | इंडोनेशिया | एशिया |
पोआस | कोस्टा रिका | उत्तरी अमेरिका |
बैरन आइलैंड हमें लगातार याद दिलाता है कि प्रकृति कितनी शक्तिशाली और हमेशा बदलने वाली है। दक्षिण एशिया का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी होने के कारण, यहां जब भी कोई विस्फोट होता है तो पूरी दुनिया का ध्यान इस पर जाता है। हालांकि यह द्वीप खुद तो निर्जन है, लेकिन वैज्ञानिक और अधिकारी इसकी गतिविधियों पर करीब से नजर रखते हैं।
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