अमेरिकी वैज्ञानिकों के एक समूह ने दुनिया का पहला आण्विक पंप बनाने में सफल होने की घोषणा मई 2015 में की. यह पंप जरूरी प्रोटीन को कोशिकाओं तक पहुंचाने का काम करता है. इस पंप का इस्तेमाल कृत्रिम मांसपेशियों में शक्ति देने के लिए किया जा सकेगा. इस अध्ययन/खोज का नेतृत्व नार्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक फ्रेजर स्टूडार्ट ने किया.
आण्विक पंप की कार्य प्रणाली:
वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित आण्विक पंप, जीवन को बनाए रखने के लिए जरूरी प्रोटीन को पंप करने वाली प्राकृतिक प्रणाली की नकल है. यही प्रणाली उपापचय (मेटाबोलिज) और भोजन से ऊर्जा लेकर जमा करने के लिए छोटे अणुओं को जीवित कोशिकाओं के चारो ओर पहुंचाता है. कृत्रिम पंप रासायनिक प्रतिक्रिया से शक्ति प्राप्त करता है और कम ऊर्जा वाली स्थिति से अधिक ऊर्जा वाली स्थिति में पहुंचाता है.
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