वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बार्कलेज ने वित्तवर्ष 2013-14 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान घटाकर 4.7 प्रतिशत कर दिया.
बार्कलेज द्वारा भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान घटाने का कारण
• बार्कलेज के अनुसार विनिर्माण व खनन के रुझान नरम है और उच्च ब्याज दर की संभावना भी औद्योगिक वृद्धि के आड़े आ रही है.
• इसके अलावा देश राजकोषीय दबाव में है और आगामी आम चुनाव (अप्रैल से मई 2014) के कारण अर्थव्यवस्था में संभावित अनिश्चितता का माहौल है और यह निवेश की प्रक्रिया फिर से शुरू करने के आड़े आ सकता है.
विदित हो कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2012-13 में घटकर 5 प्रतिशत रह गई थी जो एक दशक का न्यूनतम स्तर है. खनन एवं विनिर्माण उत्पादन में गिरावट के मद्देनजर अप्रैल-जून 2013 की तिमाही में वृद्धि दर घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई जो पिछले कई वर्षों का न्यनूतम स्तर है.
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