केंद्र सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना ‘सबके लिए आवास’ के कार्यान्वयन हेतु 29 अगस्त 2015 को नौ राज्यों के 305 शहरों का चयन किया है.
इन शहरों में छत्तीसगढ़ में 36, गुजरात में 30, जम्मू-कश्मीर में 19, झारखंड में 15, केरल में 15, मध्यप्रदेश में 74, ओडिशा में 42, राजस्थान में 40 और तेलंगाना में 34 शहर अथवा कस्बे शामिल हैं.
केंद्र सरकार की इस योजना को ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ किया गया था. इसके तहत वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के लिए दो करोड़ मकान बनाए जायेंगे. वर्ष 2022 में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होंगे.
इन नौ राज्यों के अलावा छह अन्य राज्यों ने मंत्रालय के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर प्रतिबद्धता जताई है कि वे शहरी क्षेत्रों में आवास मिशन को सफल बनाने के लिए आवश्यक सुधार लागू करेंगे.
सुधार संबंधी उपायों के कार्यान्वयन की प्रतिबद्धता जताने वाले राज्य हैं आंध्रप्रदेश, बिहार, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और उत्तराखंड.
इन राज्यों को सस्ते मकान बनाने के लिए शहर के मास्टर प्लान में परिवर्तन या सुधार, भवन निर्माण संबंधी मंजूरियों के लिए एकल खिड़की व्यवस्था, लेआउट की स्वीकृति के लए समयबद्ध क्लियरेंस प्रणाली, किराया कानूनों में संशोधन, अतिरिक्त फ्लोर एरिया अनुपात की अनुमति तथा झोपड़ पट्टी का पुनर्विकास इत्यादि सुधार करने होंगे.
सबके लिए आवास के तहत लगभग दो करोड़ शहरी गरीबों को उनका स्वयं का घर उपलब्ध कराने के लिए मंत्रालय अगले छह वर्ष में दो लाख करोड़ रुपये की सहायता राशि वहन करेगा.
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