भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 12 मार्च 2014 को विधि आयोग को सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक संगठनों द्वारा दिए जाने वाले भड़काऊ भाषणों के मुद्दों पर गौर करने का निर्देश दिया. अपने निर्देश में कोर्ट ने कमिशन को ऐसे भड़काऊ बयानों पर नियंत्रण रखने के लिए दिशानिर्देश बनाने का भी आदेश दिया.
यह निर्देश न्यायमूर्ति बीएस चौहान की अध्यक्षता और जस्टिस एम वाई इकबाल एवं जस्टिस एके सीकरी वाली सर्वोच्च न्यायालय की बेंच ने दिया था. फैसला सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिशा-निर्देश देने से मना करने के बाद आया. कमिशन को यह आदेश दिया गया है कि वे मामलों को देखें औऱ अपनी सिफारिशें केंद्र को भेंजें.
सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश एक स्वयं सेवी संगठन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद दिया, जिसमें दिशानिर्देशों की जरूरत के बाबत मांग की गई थी. इस याचिका में कहा गया था कि भड़काऊ भाषण देश की लोकतांत्रिक प्रकृति को प्रभावित करते हैं और साथ ही भारत के संविधान में दिए गए प्रावधानों का उल्लंघन भी करते हैं.


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