राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हिंदी फिल्म 'लायर्स डाइस' 87वें ऑस्कर पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के लिए 23 सितंबर 2014 को चुनी गई.
यह फिल्म वर्ष 2015 के ऑस्कर पुरस्कारों की सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की श्रेणी में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी. फिल्म में गीतांजलि थापा और नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई है. 87वें ऑस्ककर पुरस्कारों का आयोजन अगले वर्ष 22 फरवरी को होगा.
'लायर्स डाइस' को फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) द्वारा नियुक्त 12 सदस्यीय निर्णायक मंडल ने 30 फिल्मों में से चुना है. एफएफआई के महासचिव सुपर्ण सेन ने बताया, कि 'इस बार 'लायर्स डाइस' भारत की ऑस्कर प्रविष्टि के रूप में चुनी गई है.' एफएफआइ ही हर साल भारत की ओर से ऑस्कर में भेजी जाने वाली फिल्म का चयन करता है. गीतू मोहनदास की निर्देशन में बनी फिल्म में गीतांजलि थापा और नवाजुद्दीन सिद्दकी प्रमुख भूमिकाओं में हैं.
मलयालम अभिनेत्री गीतू मोहनदास निर्देशित 'लायर्स डाइस' की कहानी भारत तिब्बत सीमा के पास के एक गांव के इर्द गिर्द घूमती है और एक युवा आदिवासी महिला की कहानी बयां करती है जिसका पति कई महीने पहले काम करने के लिए दिल्ली जाने के बाद वापस नहीं लौटा है और वह अपने लापता पति की तलाश शुरू करती है.
61वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में इस फिल्म के लिए राजीव रवि को सर्वश्रेष्ठ छायाकार और इसकी नायिका गीतांजलि थापा को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया था.
भारत की किसी फिल्म ने विदेशी फिल्म की श्रेणी में ऑस्कर नहीं जीता है. आमिर खान की फिल्म 'लगान' वर्ष 2001 में ऑस्कर की दौड़ के आखिरी पांच में पहुंचने में कामयाब हुई थी.
भारत की ओर से 'लगान' के अलावा 'मदर इंडिया' और 'सलाम बांबे' ही दो फिल्में ऐसी रही हैं जिन्हों ने टॉप फाइव तक का सफर तय किया है.
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