साबूदाना, जिसे सागो या टैपिओका मोती के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय घरों में काफी मशहूर है, खासकर त्योहारों के मौसम में। व्रत के दौरान ज्यादातर लोग साबूदाना का सेवन करते हैं, क्योंकि यह अजान नहीं है। साबूदाने की एक और खासियत है कि इसे विभिन्न प्रकार से खाया जाता है, जैसे की खिचड़ी, टिक्की, लड्डू, खीर आदि। साबूदाना केवल व्रत में नहीं बल्कि डाइटिंग में भी कारगर माना जाता है और यही कारण है कि ज्यादातर डाइट करने वाले उसे खाते हैं, क्योंकि इसमें स्टार्च आधारित खाद्य पदार्थ होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं। वैसे तो साबूदाना सभी भारतीय घरों में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि इसकी खेती कहा होती है? भारत के किस राज्य में सबसे ज्यादा साबूदाना उगाया जाता है? क्या से आते हैं साबूदाना और कैसे होती है इसकी खेती? आज हम आपको बताएंगे कि भारत के किस राज्य में सबसे ज्यादा साबूदाना उगाया जाता है, तो आइए शुरू करते हैं-
भारत में साबूदाने के सबसे ज्यादा खेती तमिलनाडु में की जाती है। तमिलनाडु भारत में साबूदाना (साबूदाना) का सबसे बड़ा उत्पादक है। देश के टैपिओका (साबूदाना का कच्चा माल) उत्पादन में तमिलनाडु का योगदान काफी बड़ा है, जिसे बाद में साबूदाना में संसाधित किया जाता है। विशेष रूप से, तमिलनाडु का सलेम जिला अपने बड़े पैमाने पर साबूदाना उत्पादन के लिए जाना जाता है और इसे भौगोलिक संकेत (GI) टैग भी प्राप्त है।
समेल जिला भारत में 80% से भी ज्यादा साबूदाना की उत्पादन करता है। बता दें कि साबूदाने का उत्पादन इस जिले की सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियों में से एक है। यहां की आधी से ज्यादा आबादी के कमाई का जरिया साबूदाने की खेती है। भारत में सबसे ज्यादा साबूदाने की पूर्ति इसी राज्य से होती है।
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भारत के इन राज्यों में होती है सबसे ज्यादा साबूदाने की खेती
रैंक | राज्य |
1 | तमिलनाडु |
2 | केरला |
3 | आंध्र प्रदेश |
4 | मेघालय |
5 | मध्य प्रदेश |
तमिलनाडु
साबूदाने की खेती में तमिलनाडु का प्रथम स्थान रहा है। तमिलनाडु के खेत 1.96 लाख हेक्टेयर में फैले हैं, जहां से 38.81 लाख टन साबूदाना का उत्पादन होता है।
केरला
भारत में साबूदाने की खेती में दूसरे स्थान पर केरला आता है। इस देश की भी आधी आबादी भी साबूदाने की खेती से अपना गुजारा करती है। केरला लगभग 80 प्रतिशत साबूदाने की खेती करता है। साबूदाने की खेती में केरला देश के कुल उत्पादन में राज्य का योगदान 8.74% देता है।
आंध्र प्रदेश
भारत में साबूदाना उत्पादन में आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर रहा है। देश में कुल टैपिओका उत्पादन में राज्य का योगदान 3.55% था।
मेघालय
भारत में साबूदाना उत्पादन में मेघालय चौथे स्थान पर रहा, जिसमें कुल उत्पादन में 1.55% का योगदान दिया।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में भी अब साबूदाना (टैपिओका) की खेती की जाने लगी है।
साबूदाने की खासियत
साबूदाना एक स्टार्च-आधारित खाद्य पदार्थ है जो छोटे, गोल, सफेद मोतियों के रूप में होता है। यह मुख्य रूप से कसावा (Tapioca) पौधे की जड़ों से प्राप्त होता है, लेकिन कुछ अफ़्रीकी देशों में इसे साबूदाना के तने के गूदे से भी बनाया जाता है। साबूदाना कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत है और आसानी से पचने वाला भोजन है, जिससे यह उपवास के दौरान एक लोकप्रिय विकल्प बन जाता है।
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