कब और क्यों लगता है राष्ट्रपति शासन, क्या हैं इससे जुड़े प्रावधान, यहां पढ़ें

दिल्ली में राष्ट्रपति शासन को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। हालांकि, अभी इस पर आगे क्या फैसला रहता है, यह स्पष्ट नहीं है। ऐसे में यहां यह जानना जरूरी है कि आखिर राष्ट्रपति शासन क्या होता है और यह किन परिस्थितियों में लगता है ? इस लेख में हम इससे जुड़े प्रावधानों के बारे में भी जानेंगे।  

Sep 11, 2024, 14:49 IST
राष्ट्रपति शासन
राष्ट्रपति शासन

हाल ही में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की चर्चाएं तेज हो गई हैं। वजह है विपक्ष द्वारा संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग करना। इसे लेकर विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक चिट्ठी भी भेजी गई है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा गृह मंत्रालय के पास भेज दिया गया है, जिसके बाद से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की चर्चाएं तेज हो गई हैं।

हालांकि, यहां यह सवाल है कि आखिर राष्ट्रपति शासन क्या होता है और यह किन परिस्थितियों में लगता है। अधिक जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें। 

क्या है राष्ट्रपति शासन की संवैधानिक व्यवस्था

राज्यों में राष्ट्रपति शासन को लेकर संविधान के अनुच्छेद 352 में जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक, यदि राष्ट्रपति इस बात से संतुष्ट नहीं है कि राज्य सरकार संविधान के मुताबिक काम नहीं कर रही है, तो राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। हालांकि, राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के दो महीने के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा इसका अनुमोदन करना भी जरूरी है।

क्या होता है राष्ट्रपति शासन

राष्ट्रपति शासन के तहत राज्य सरकार का नियंत्रण निर्वाचित मुख्यमंत्री के बजाय सीधे राष्ट्रपति के हाथ में आ जाता है।  हालांकि, इसके लिए केंद्र की ओर से कार्यकारी अधिकार प्रदान किए जाते हैं। साथ ही राज्यपाल द्वारा सलाहकारों की नियुक्ती भी की जाती है, जो कि सेवानिवृत्त सिविल सेवक होते हैं। 

कितनी होती है राष्ट्रपति शासन की अवधि

अब सवाल है कि राष्ट्रपति शासन की अवधि क्या होती है ? आपको बता दें कि राष्ट्रपति शासन को यदि संसद द्वारा अनुमोदित कर दिया जाता है, तो यह छह-छह माह तक चलता है। हालांकि, अगले तीन सालों के लिए छह-छह माह की अवधि में बढ़ाया जा सकता है।  

राष्ट्रपति शासन के दौरान होने वाले बदलाव 

राष्ट्रपति शासन के तहत होने वाले बदलाव की बात करें, तो इस दौरान राष्ट्रपति द्वारा मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्रीपरिषद् को भंग कर दिया जाता है। इस दौरान संसद द्वारा ही राज्य के विधेयक और बजट प्रस्ताव को पारित किया जाता है।

साथ ही, राष्ट्रपति द्वारा यह घोषणा भी की जा सकती है कि राज्य की विधायिक शक्तियों का प्रयोग संसद द्वारा किया जाएगा। सबसे प्रमुख बात यह है कि राज्य का राज्यपाल राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किसी अधिकारी की सहायता से राज्य का शासन चलाता है। ऐसे में राज्य का प्रशासन पूरी तरह से केंद्र सरकार के हाथ में आ जाता है। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

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