भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इसके साथ ही इसका संविधान दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान के मूल्यों और लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए देश के सबसे बड़े लोकतांत्रिक भवन यानि संसद भवन से पूरे देश में नियंत्रण किया जाता है। देश के कई महत्वपूर्ण फैसलों से लेकर बदलावों का संसद भवन गवाह रहा है। हालांकि, इसे अब नया रूप दिया जा रहा है, जिसके तहत नए संसद भवन का निर्माण हो रहा है। इस कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही सेंगोल को भी नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा। हालांकि, उद्घाटन समारोह में शामिल न होने के लिए 20 विपक्षी पार्टियों ने सहमति जताई है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि आखिर क्या होता है सेंगोल और संसद भवन के लिए क्यों है महत्वपूर्ण।
क्या होता है Sengol
सेंगोल शब्द तमिल के सेम्मई शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ नीतिपरायणता होता है। इसे तमिलनाडू के एक प्रमुख धार्मिक मठ के मुख्य आधीनम यानि पुरोहितों का आशीर्वाद मिला हुआ है। भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सेंगोल का अधिक महत्व है। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जब प्रधानमंत्री के रूप में अपना पद संभाला था, तब उन्हें यह सौंपा गया था।
क्या दर्शाता है सेंगोल
दरअसल, सेंगोल ब्रिटिश सरकार से भारतीयों के हाथों में ली गई सत्ता की शक्ति को दर्शाता है। इसका जनक सी. राजगोपालचारी को कहा जाता है, जो कि चोला साम्राज्य से काफी प्रेरित थे। चोला साम्राज्य में जब भी एक राजा से दूसरे राजा के पास सत्ता का हस्तांतरण होता था, तब इस तरह का सेंगोल दूसरे राजा को दिया जाता था, जो कि सत्ता हस्तांतरण को दर्शाता था।
The Sengol, blessed by high priests from a leading Saivite Mutt in Tamil Nadu, carries the spirit of just & fair rule.
— MyGovIndia (@mygovindia) May 24, 2023
Let's embrace this symbol that unites the North & South as the PM @narendramodi installs it in the new Parliament building!#SengolAtNewParliament pic.twitter.com/OsNXFe3tIQ
किसने किया था सेंगोल का निर्माण
सेंगोल का निर्माण चेन्नई के एक सुनार वुमुदी बंगारू चेट्टी द्वारा किया गया था, जिसके बाद इसे लॉर्ड माउंटबैटन द्वारा 15 अगस्त, 1947 को पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था, तब से यह प्रथा बनी हुई है।
क्या होता है आकार
सेंगोल एक पांच फीट लंबी छड़ी होती है, जिसके सबसे ऊपर भगवान शिव के वाहन कहे जाने वाली नंदी विराजमान होते हैं। नंदी न्याय व निष्पक्षता को दर्शाते हैं।
नए संसद भवन की कितनी है क्षमता
नए संसद भवन को अधिक क्षमता के साथ तैयार किया गया है। इस कड़ी में इसमें 1272 सीटों की व्यवस्था की गई है, जिसमें 888 लोकसभा और 384 राज्यसभा की सीटें होंगी। इस नए भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी द्वारा 28 मई को किया जाएगा। आपको बता दें कि पुराने संसद भवन को 100 साल पूरे हो गए हैं। वहीं, नए संसद भवन की मियाद 150 साल तक है। इसके प्रमुख आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं और इसके निर्माण की जिम्मेदारी टाटा प्रोजेक्ट्स को दी गई है।
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