कोविड -19 की रोकथाम के लिए भारत के कृषि मंत्रालय द्वारा किसानों के लिए 17 विशेष दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. ये दिशा-निर्देश खेती के समय सामाजिक दूरी को बनाए रखने में मदद करेंगे. कृषि अधिकारी के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों ने पूरे देश में निर्बाध कृषि के संचालन में मदद की है.
कृषि मंत्रालय ने इस लॉकडाउन के दौरान किसानों को दी गई छूट के अनुसार ये दिशानिर्देश जारी किये हैं. आंकड़ों से यह पता चलता है कि गत 17 अप्रैल तक किसानों को मिलने वाली इन छूटों के कारण कुल बोए गए कृषि क्षेत्रों के 67% क्षेत्र से गेहूं की कटाई का काम पूरा होने में मदद मिली है.
उद्देश्य:
कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान किसानों को सुरक्षित रखने और उनके बीच जागरूकता पैदा करने के लिए कृषि मंत्रालय ने ये दिशानिर्देश जारी किये हैं. कृषि मंत्रालय द्वारा दिए गए ये दिशानिर्देश थ्रेसिंग (गाहना), बुवाई और फसल की कटाई जैसे कृषि कार्यों के दौरान सामाजिक दूरी को बनाये रखने में मदद करेंगे.
मुख्य विशेषताएं:
• अनुदान कार्यक्रम के तहत आने वाले किसानों को कृषि मशीनरी की निर्बाध आपूर्ति के लिए, 31 दिसंबर तक ट्रैक्टर, कंबाइन हार्वेस्टर, पावर टिलर और अन्य कृषि मशीनों के अनुमोदन पर विभिन्न परीक्षणों की छूट है.
• बीज डीलरों के लाइसेंस की वैधता भी 30 सितंबर तक बढ़ाई गई है.
• मौजूदा लॉकडाउन के दौरान ही विभिन्न राज्यों में किसान खरीफ फसलों की बुवाई शुरू कर सकते हैं.
• इन 17 सूत्रीय दिशानिर्देशों में यह भी सुझाव दिया गया है कि किसान कृषि उपज को अपने घर पर स्टोर करने से पहले कम से कम 48 घंटे तक धूप में जरुर रखें. यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस दौरान उपज मिट्टी या भूमि के संपर्क में न आये.
• मंत्रालय द्वारा जारी दिए गए इन दिशा-निर्देशों में भी मशीनीकृत हार्वेस्टर के माध्यम से विभिन्न रबी फसलों की कटाई पर जोर दिया गया है ताकि कम किसान खेत पर उपस्थित हों.
ग्रीष्मकालीन फसलों में वृद्धि:
देश के कुछ राज्यों में गत 10 अप्रैल से 17 अप्रैल के बीच बारिश होने के कारण, पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में, ग्रीष्मकालीन फसलों के बुवाई क्षेत्र में 17 अप्रैल तक 36% की वृद्धि दर्ज की गई है.
धान चावल के कुल बुवाई क्षेत्र में भारत के 12 राज्यों का लगभग 33 लाख हेक्टेयर शामिल है जिसमें तेलंगाना, असम, गुजरात, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, बिहार, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और केरल राज्य शामिल हैं.
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