वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए बनी एक सलाहकार समिति ने टैक्स प्रक्रियाओं के सरलीकरण और टैक्स के ऑटोमेटिक रिटर्न के मद्देनजर टैक्स प्रणाली में कई बदलाव करने का सुझाव दिया है. पिछले महीने सरकार ने छह सदस्यों वाली इस समिति का गठन किया था.
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मुख्य तथ्य:
• समिति ने जीएसटी के संबंध में 100 से अधिक सुझाव दिए हैं. सलाहकार समिति ने रिटर्न दायर करने की प्रक्रिया को आसान एवं व्यावहारिक किए जाने का सुझाव दिया गया, ताकि रिटर्न को संशोधित किया जा सके.
• इसके अलावा नेशनल एडवांस रूलिंग अथॉरिटी गठित करने का भी सुझाव दिया गया. इस समिति ने राजस्व सचिव को 05 दिसम्बर 2017 को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी.
• गौरतलब है कि निर्यातकों ने नवंबर 2017 तक जीएसटी के तहत रिफंड के लिए 10,0000 से अधिक आवेदन किए हैं. इसके मद्देनजर जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने निर्यातकों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके दावे उक्त महीने में चुकाए गए जीएसटी से अधिक नहीं हो.
• वित्त मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि जीएसटी कार्यान्वयन के पहले चार महीने में निर्यातकों ने 6500 करोड़ रुपये के रिफंड का दावा किया है.
पृष्ठभूमि:
नवंबर 2017 में जीएसटी परिषद ने चोकलेट से लेकर डिटर्जेंट तक आम इस्तेमाल वाली 177 वस्तुओं पर टैक्स दर को मौजूदा 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का फैसला किया था.
परिषद ने 28 प्रतिशत के सर्वाधिक टैक्स दर वाले स्लैब में वस्तुओं की संख्या को घटाकर सिर्फ 50 कर दिया था. इससे पहले इन वस्तुओं की संख्या 227 थी. अब जीएसटी दर के 28 फीसदी स्लैब में ज्यादातर लग्जरी और अहितकर वस्तुओं को रखा गया है. जीएसटी एक मूल्य वर्धित कर है जो कि विनिर्माता से लेकर उपभोक्तात तक वस्तुहओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है.
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