एक विशाल क्षुद्रग्रह (giant asteroid), पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है और मार्च में इसके पास से गुजरने की संभावना है. इटली के एक वैज्ञानिक ने इसकी तस्वीर भी टेलीस्कोप की सहायता से कैद की है. आपको बता दें कि खगोल विज्ञान की भाषा में इस एस्टरॉयड को संभावित 'खतरनाक' की श्रेणी में रखा गया है.
दरअसल, नासा ने एक डेटा जारी किया है जिसके मुताबिक, धरती की तरफ एक ऐसा क्षुद्रग्रह तेजी से बढ़ रहा है जिसके कारण मानव अस्तित्व संकट में पड़ सकता है. हालांकि इस क्षुद्रग्रह का धरती पर क्या प्रभाव होगा इसका अभी वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं.
क्षुद्रग्रह का आकार 1.3 किलोमीटर
इस क्षुद्रग्रह का आकार 1.3 किलोमीटर का बताया जा रहा है और इसका रफ्तार 26,800 मील प्रति घंटे की है. इसकी तस्वीर तब ली गई है, जब यह हमसे लगभग 3.5 करोड़ किलोमीटर दूर था. इसकी तस्वीर एक खगोल वैज्ञानिक ने 30 जनवरी को टेलीस्कोप की सहायता से कैद की है.
पृथ्वी के सबसे नजदीक
इस एस्टरॉयड का व्यास 1.3 किलोमीटर बताया जा रहा है और यह संभावित तौर पर पृथ्वी के सबसे नजदीक से गुजर सकता है. 138971 (2001 सीबी21) नाम के इस एस्टरॉयड को खगोल वैज्ञानिक संभावित तौर पर 'खतरनाक' बता रहे हैं. इस एस्टरॉयड की जो रफ्तार है, वह बहुत ही ज्यादा है और यह 26,800 मील प्रति घंटे की गति से भी तेजी से धरती की तरफ बढ़ता चला आ रहा है.
पृथ्वी की तुलना में लगभग 20 दिन अधिक
वैज्ञानिकों ने इसके पृथ्वी के सबसे नजदीक से गुजरने वाले दिन का भी अनुमानित वक्त बता दिया है. न्यूजवीक की एक रिपोर्ट के अनुसार एस्टरॉयड सूर्य की कक्षा में घूमने में 384 दिनों (400 दिनों से कम) का समय लगाते हैं, जो कि पृथ्वी की तुलना में लगभग 20 दिन अधिक है.
एस्टरॉयड धरती के कुछ ज्यादा ही नजदीक
पिछले महीने ही एक और एस्टरॉयड धरती के कुछ ज्यादा ही नजदीक आया था. इसका नाम 7482 (1994 पीसी1) था. उसका व्यास एक किलोमीटर से ज्यादा था तथा 18 जनवरी को पृथ्वी के पास से गुजर गया था.
चांद की औसत दूरी से 13 गुना ज्यादा दूर
वैज्ञानिक इसलिए इसे घबराने की कोई कारण नहीं मान रहे हैं, क्योंकि हमारे ग्रह के सबसे पास होने की स्थिति में भी हमसे चांद की औसत दूरी से 13 गुना ज्यादा दूर रहेगा. यानी यह उस समय धरती से 49,11,298 किलोमीटर की दूरी पर होगा.
डबल एस्टरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट मिशन लॉन्च
हालांकि, अभी तक एस्टरॉयड के टकराने का कोई खतरा नहीं दिख रहा है, लेकिन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा भविष्य में ऐसी किसी भी संभावित आशंका को टालने हेतु उपाय पर काम कर रहा है. इसने एक डबल एस्टरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट (डीएआरटी) मिशन लॉन्च किया है. इसके तहत किसी भी क्षुद्र ग्रह पर स्पेसक्राफ्ट को क्रैश करवाने की योजना है, ताकि उसकी दिशा बदली जा सके.
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