देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने अपने टावर कंपनी भारती इंफ्राटेल में हिस्सेदारी बेच दी है. कंपनी के अनुसार कर्ज के बोझ को कम करने हेतु 3,325 करोड़ रुपए में 8.30 करोड़ शेयरों की बिक्री की गई.
एयरटेल ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी नेटले इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स द्वारा यह बिक्री की. कंपनी के अनुसार वह डील से मिले पैसों का उपयोग कर्ज चुकाने में करेगी. सिंतबर 2017 में एयरटेल का एकीकृत कर्ज 91,480 करोड़ रुपये था.
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टावर कंपनी भारती इंफ्राटेल में हिस्सेदारी की बिक्री 400.6 रुपए प्रति शेयर की कीमत पर की गई. 12 नवम्बर 2017 को कंपनी का शेयर जिस स्तर पर बंद हुआ, उसके मुकाबले हिस्सा बिक्री में 3.6 फीसदी की अंशदान दिया गया. एक तिहाई शेयर हेज फंड्स को बेचे गए, बाकी शेयर अमेरिका बेस्ड इनवेस्टर्स ने खरीदे हैं. इससे उसे 12,000 करोड़ रुपये मिले.
भारती एयरटेल कंपनी के अनुसार कई वैश्विक निवेशकों, फंड मैनेजरों और लंबी अवधि के निवेशकों ने इस डील के तहत हिस्सा खरीदा. इस बिक्री के बाद भारती इंफ्राटेल में अब भारती एयरटेल की 53.5 फीसदी हिस्सेदारी बची है.
एयरटेल से पूर्व दो अन्य टेलिकॉम कंपनियों आइडिया सेल्यूलर और वोडाफोन ने भी 12 नवम्बर 2017 को अपने टावर कारोबार को बेचने की घोषणा की. उन दोनो कंपनियों ने अमेरिकी कंपनी एटीसी को अपना टावर कारोबार बेचा.
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दोनो कंपनियों ने एटीसी को 7850 करोड़ रुपए में टावर कारोबार बेचा है जिसमें से 4000 करोड़ रुपए आइडिया को मिलेंगे और बाकी 3850 करोड़ रुपए वोडाफोन को मिलेंगे.
टिपण्णी-
एयरटेल कर्ज चुकाने और कैश फ्लो बढ़ाने के लिए धीरे-धीरे इंफ्राटेल में हिस्सेदारी घटा रही है. कंपनी को अभी 4जी डेटा नेटवर्क बढ़ाने के लिए निवेश करना पड़ रहा है.
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