यह पहली ब्रिक्स रोजगार कार्य समूह (EWG) की बैठक 11 और 12 मई, 2021 को आभासी तौर पर आयोजित की गई थी. इस बैठक की अध्यक्षता भारत के श्रम सचिव अपूर्व चंद्रा ने की थी. भारत ने वर्ष, 2021 में ब्रिक्स की अध्यक्षता ग्रहण की है.
इस बैठक के दौरान चर्चा के लिए मुख्य एजेंडे में श्रम बाजारों का औपचारिककरण, श्रम बाजार में ब्रिक्स राष्ट्रों के बीच सामाजिक सुरक्षा समझौतों को बढ़ावा देना, गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों की भूमिका और श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी जैसे विषय शामिल थे.
इस आभासी बैठक में, ब्रिक्स के सदस्य देशों - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधियों के अलावा, अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा एजेंसी और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के प्रतिनिधियों ने भी एजेंडा के मुद्दों पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए.
'बहुपक्षीय सामाजिक सुरक्षा ढांचे' पर ब्रिक्स देशों का रवैया
इस बैठक के दौरान ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधियों ने श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक बहुपक्षीय सामाजिक सुरक्षा ढांचा बनाने की इच्छा व्यक्त की.
यह सामाजिक सुरक्षा समझौता अंतर्राष्ट्रीय श्रमिकों की आय/ लाभ को उनके अपने देश में भेजने की सुविधा प्रदान करेगा जिससे उनकी गाढ़ी कमाई के नुकसान को रोका जा सकेगा.
Sh. Apurva Chandra, Secretary, MoLE Chaired first #BRICS Employment Working Group Meeting. The Indian delegation comprised of Smt. Anuradha Prasad, Spl. Secretary, MoLE, Sh. R.K Gupta, JS, MoLE, Sh. Ajay Tewari, JS & DGLW, MoLE & Sh. Rupesh Kumar Thakur, Director, MoLE. pic.twitter.com/a111BYvQBN
— Ministry of Labour (@LabourMinistry) May 11, 2021
इसके अलावा, श्रमिकों को घरेलू और मेजबान देशों में भी (सामाजिक सुरक्षा योजनाओं) योगदान से छूट दी जाएगी.
यह बहुपक्षीय सामाजिक सुरक्षा ढांचा श्रमिकों को ऐसे देशों के समूह में दोहरे योगदान से बचने में मदद करेगा.
पहली ब्रिक्स रोजगार कार्य समूह (EWG) बैठक: अन्य प्रमुख मुद्दे
• सदस्य देशों ने सामाजिक सुरक्षा समझौते के मुद्दे पर एक-दूसरे के साथ बातचीत और चर्चा करने का फैसला किया है. उन्होंने इस समझौते पर हस्ताक्षर करने की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया, जबकि ILO और ISSA ने अपनी ओर से, ऐसे समझौतों को अंतिम रूप देने में मदद करने के लिए तकनीकी सहायता का आश्वासन दिया.
• ब्रिक्स सदस्य देशों ने बाद के चरण में सामाजिक सुरक्षा समझौते के लिए एक बहुपक्षीय ढांचे को तैयार करने का भी फैसला किया.
• सदस्य देशों द्वारा नौकरियों की औपचारिकता के लिए की गई विभिन्न पहलों के साथ-साथ इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई कि, किस तरह से महामारी ने अनौपचारिकीकरण जोखिम को बढ़ाया है.
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