प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति ने अरुण-3 जल विद्युत परियोजना (नेपाल भाग) के ट्रांसमिशन घटक के लिए 1236.13 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निवेश को अपनी स्वीकृति दे दी है.
वर्तमान स्वीकृति 400 किलोवाट डी/सी डिडिंग (नेपाल में)- बथनाहा (अंतरराष्ट्रीय सीमा) वाया धलकेबर (नेपाल में) ट्रांसमिशन लाइन के लिए है. यह ट्रांसमिशन लाइन 217 किलोवाट की है और नेपाल में अरुण-3 एचईपी से बिजली पैदा करने के लिए है. यह नेपाल के भूभाग के अंदर है.
लाभ |
परियोजना के ट्रांसमिशन घटक के निर्माण से लगभग 400 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा. यह परियोजना नेपाल के साथ आर्थिक संपर्क को मजबूत बनाने के लिए भारत को अधिशेष विद्युत प्रदान करेगी. इस परियोजना से बिजली नेपाल के धलकेबर से भारत में मुजफ्फरपुर भेजी जाएगी. |
अरुण-3 जल विद्युत परियोजना
- अरुण-3 जल विद्युत परियोजना पूर्वी नेपाल के सनखुवासभा ज़िले में अरुण नदी पर है.
- इस परियोजना के अंतर्गत 70 मीटर ऊँचा गुरुत्व बांध और भूमिगत पावर हाउस के साथ 11.74 किलोमीटर की हेड रेस सुरंग नदी के बाएँ किनारे पर बनाई जाएगी तथा 4 इकाइयों में से प्रत्येक ईकाई 225 मेगावाट विद्युत उत्पादन करेंगी.
- एसजेवीएन लिमिटेड ने यह परियोजना अंतर्राष्ट्रीय स्पर्द्धी बोली के माध्यम से प्राप्त की है. नेपाल सरकार और एसजेवीएन लिमिटेड ने परियोजना के लिये मार्च 2008 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये थे.
- यह समझौता ज्ञापन 30 वर्ष की अवधि के लिये बिल्ड ओन ऑपरेट तथा ट्रांसफर के आधार पर किया गया था. इस 30 वर्ष की अवधि में 5 वर्ष की निर्माण अवधि भी शामिल है.
- परियोजना विकास समझौते पर नवंबर 2014 में हस्ताक्षर किये गए थे. इस समझौते में 25 वर्षों की संपूर्ण रियायत अवधि के लिये नेपाल को नि:शुल्क 21.9 प्रतिशत विद्युत प्रदान करने का प्रावधान है.
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति की बैठक के दौरान फरवरी 2017 में मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति की बैठक में अरुण-3 जलविद्युत परियोजना (900 मेगावॉट) के उत्पादन घटक के लिये मई, 2015 के मूल्य स्तर पर 5723.72 करोड़ रुपए लागत की परियोजना के लिये निवेश प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई थी.
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