प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मादक पदार्थों, नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी और आवाजाही से निपटने पर भारत और इंडोनेशिया के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को अपनी मंजूरी दे दी है.
इस समझौते से मादक पदार्थों और नशीले पदार्थों के नियमन तथा मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए परस्पर सहयोग में मदद मिलेगी. यह समझौता हस्ताक्षर की तिथि से प्रभावी होगा और 5 वर्ष की अवधि के लिए लागू रहेगा. गौरतलब है कि भारत ने 37 देशों के साथ ऐसी संधियों/सहमति पत्रों/समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.
सहमति पत्र की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:-
- इस समझौते से दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय ड्रग नियंत्रण संधियों के अनुसार मादक पदार्थों और नशीले पदार्थों तथा मादक पदार्थों की तस्करी और इसकी आवाजाही से निपटने में सहयोग बढ़ेगा.
- इस सहमति पत्र के तहत सहयोग में मादक पदार्थों, नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी और इसकी आवाजाही से निपटने में दोनों देशों के राष्ट्रीय विधान के मौजूदा वैधानिक औजारों पर आधारित विवरण का आदान-प्रदान करना, मादक पदार्थों, नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी और इसकी आवाजाही तथा अनिवार्य रसायनों, धनशोधन (मनी लॉंडरिंग) के काम में शामिल लोगों की पहचान करने की दृष्टि से नियंत्रित वितरण संचालन के इस्तेमाल में एक दूसरे को अनुमति देना और सहायता देना शामिल हैं.
- सहमति पत्र के तहत, इस सहमति पत्र के अनुसार प्राप्त सूचना और दस्तावेजों की गोपनीयता कायम रखने का प्रावधान किया गया है.
भारत-इंडोनेशिया संबंध
इंडोनेशिया से कच्चे पाम ऑयल का आयात करने वाला भारत सबसे बड़ा देश है तथा वहां से कोयला, खनिजों, रबड़, लुग्दी एवं कागज का आयात करता है. भारत परिष्कृत प्रेट्रोलियम उत्पादों, मक्का, वाणिज्यिक वाहनों, दूर संचार के उपकरणों, तिलहनों, पशु आहार, कपास, स्टील के उत्पादों तथा प्लास्टिक आदि का इंडोनेशिया को निर्यात करता है. इंडोनेशिया में निवेश करने वाली भारत की प्रख्यात कंपनियां हैं: टाटा पावर, रिलायंस, अदानी, एल एंड टी, जी एम आर, जी वी के, वीडियोकॉन, पुंज लायड, आदित्य बिरला, जिंदल स्टेनलेस स्टील, एस्सार, टी वी एस, बजाज, बी ई एम एल, गोदरेज, बामन एंड लॉरी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया आदि. जहां तक व्यापार एवं आर्थिक संबंधों का प्रश्न है, इंडोनेशिया की अवसंरचना, विद्युत, कपड़ाद्व इस्पात, आटोमोटिव, खनन, बैंकिंग तथा एफ एम जी सी क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों ने काफी निवेश किया है. इंडोनेशिया की भी अनेक कंपनियों ने भारत की अवसंरचना परियोजनाओं में निवेश किया है.
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