केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन्टरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मरीन एड्स टू नेवीगेशन एण्ड लाइट हाउस अथॉरिटीज़ (आईएएलए) को अपना दर्जा गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) से बदलकर अन्त: सरकारी संगठन (आईजीओ) किए जाने को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी. यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया.
इससे ‘पोतों के सुरक्षित, मितव्ययी और दक्षतापूर्ण आवागमन’ की सुविधा होगी. साथ ही आईएएलए अन्तर्राष्ट्रीय मेरीटाईम संगठन (आईएमओ) व इन्टरनेशनल हाइड्रोग्राफिक आर्गेनाइजेशन (आईएचओ) के समकक्ष हो जाएगा.
पृष्ठभूमि-
आईएएलए का मुख्यालय फ्रांस कानून के अन्तर्गत सेंट जर्ममेनैन लाए (फ्रांस) में 1957 में स्थापित किया गया. यह 83 राष्ट्रीय सदस्यों वाली एक आम सभा द्वारा प्रशासित है, और अधिशासी तंत्र के रूप में एक परिषद के रूप में कार्यरत है.
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आईएएलए परिषद में 24 राष्ट्रीय सदस्य हैं. भारत भी इसकी परिषद का एक सदस्य है जिसका प्रतिनिधित्व महानिदेशक – लाईट हाऊस एवं लाईटशिप्स (डीजीएलएल) नौवहन मंत्रालय द्वारा किया जाता है.
लाईटहाउस अधिनियम 1927 के अनुसार डी जी एल एल अण्डमान और निकोबार और लक्षद्वीप समूहों सहित भारत के तटों पर सामान्य स्थितियों में नौचालन की गतिविधियों का अनुरक्षण में मदद प्रदान करता है.
मई 2014 में ला कोरूना में आयोजित अपने ग्यारहवें सत्र ने इन्टरनेशनल एसोसिएशन आफ मरीन एड्स टू नेवीगेशन एण्ड लाईटहाऊस अथॉरीटिज़ (आईएएलए) की आम सभा ने एक संकल्प को स्वीकार किया था, जिससे आईएएलए का दर्जा एनजीओ से बदलकर आईएएलए किए जाने से 21वीं शताब्दी के लक्ष्यों की प्राप्ति में काफी मदद होगी.
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गैर सरकारी संगठन-
गैर सरकारी संगठन (NGO) बिना किसी सरकारी भागीदारी या प्रतिनिधित्व के आम या कानूनी व्यक्तियों द्वारा विधिवत संगठित गैर सरकारी संगठनों को संदर्भित करने हेतु व्यापक रूप से स्वीकार किया गया संगठन है. उन मामले में जिनमें गैर सरकारी संगठन पूरी तरह से या आंशिक रूप से सरकारों द्वारा निधिबद्ध होते हैं. गैर सरकारी संगठन (NGO) अपना गैर-सरकारी ओहदा बनाए रखता है और सरकारी प्रतिनिधिओं को संगठन में सदस्यता से बाहर रखता है.
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