मूल्यांकन प्रक्रिया में खामियों के अध्ययन हेतु केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने त्वरित निर्णय करते हुए दो समितियां गठित की हैं. जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों को नामित किया गया है. समिति के अधिकारी पालन की जा रही मूल्यांकन प्रक्रियाओं से जुड़ी समस्याओं पर विचार करेंगे.
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा यह समिति 12वीं कक्षा के छात्रों की ओर से उनकी उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ियों की शिकायत किए जाने के बाद गठित की हैं.
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ई के जनसंपर्क अधिकारी रमा शर्मा के अनुसार बोर्ड ने दो समितियां गठित करने का त्वरित निर्णय किया. पहली समिति मूल्यांकन प्रक्रिया और परीक्षा के बाद की प्रक्रियाओं की जांच करेगी ताकि विसंगतियों का विश्लेषण किया जा सके और प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें.
दूसरी समिति मूल्यांकन प्रक्रिया में व्यवस्थागत सुधार हेतु अध्ययन, विश्लेषण एवं सुझाव से जुड़े काम करेगी ताकि इस प्रणाली को ज्यादा प्रभावी बनाया जा सके.
दोनों समितियां क्रमश: दो एवं तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. समितियों के निष्कर्षो एवं सुझावों के आधार पर केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की मूल्यांकन प्रक्रिया में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं.
सीबीएसई के बारे में-
- केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई/ CBSE) भारत की स्कूली शिक्षा का एक प्रमुख बोर्ड है.
- भारत के अन्दर और बाहर के बहुत से निजी विद्यालय इससे सम्बद्ध हैं. सीबीएसई का प्रमुख उद्देश्य- शिक्षा संस्थानों को अधिक प्रभावशाली ढंग से लाभ पहुंचाना, उन विद्यार्थियों की शैक्षिक आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी होना जिनके माता-पिता केन्द्रीय सरकार के कर्मचारी हैं और निरंतर स्थानान्तरणीय पदों पर कार्यरत हों.
- केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में शिक्षा का माध्यम हिन्दी या अंग्रेजी हो सकता है.
- इसमें कुल 897 केन्द्रीय विद्यालय, 1761 सरकारी विद्यालय, 5827 स्वतंत्र विद्यालय, 480 जवाहर नवोदय विद्यालय और 14 केन्द्रीय तिब्बती विद्यालय सम्मिलित हैं.
- सीबीएसई का ध्येय वाक्य असतो मा सद्गमय (हे प्रभु! हमे असत्य से सत्य की ओर ले चलो.) है.
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