भारतीय सेना देश में 2000 सैनिक छावनियों को आधुनिक बनाने की तैयारी कर रही है. इन सैनिक छावनियों को “स्मार्ट सिटी’ की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. सेना के अधिकारियों के अनुसार पायलट प्रोजेक्ट के तहत 58 सेना छावनियों को चिन्हित किया गया है. इस परियोजन एके तहत सभी छावनियों को शामिल किया जाएगा.
सेना के के अनुसार सैनिक छावनियों में सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. जिसमे आधुनिक टेक्नोलाजी और आईटी नेटवर्क इसकी मुख्य विशेषता होगी. एक अन्य सैन्य अधिकारी के अनुसार सेना ले. जनरल (रिटायर्ड) डीबी शेकटकर कमेटी की सिफारिशों पर आगे बढ़ रही है. इसमें 57,000 अधिकारियों और अन्य रैंक के सैनिकों की नए सिरे से तैनाती शामिल है.
सभी छावनियों को समयबद्ध तरीके से विकसित करने की योजना है. यह पहल आर्मी के उस आधुनिकीकरण अभियान का हिस्सा है, जिसमें देशभर के सभी सैन्य प्रतिष्ठानों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने की परिकल्पना की गई. कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने प्रॉजेक्ट पर काफी विचार-विमर्श किया.
डीबी शेकतकर समिति-
सशस्त्र बलों की जंगी क्षमता बढ़ाने और रक्षा खर्चों को नए सिरे से बैलेंस करने के लिए मनोहर पर्रिकर के कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय ने लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीबी शेकतकर की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक कमिटी बनाई गई.
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कमिटी ने अपनी रिपोर्ट पिछले साल दिसंबर में सौप दी. रक्षा मंत्रालय ने कमिटी की 99 सिफारिशों को सशस्त्र बलों के पास भेजा, ताकि इन पर अमल की योजना बनाई जा सके. रक्षा मंत्री रहते हुए अरुण जेटली ने पहले चरण में इनमें से 65 सिफारिशों को मंजूरी दी. सरकार के अनुसार इन सुधारों को 31 दिसंबर 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा.
आर्मी के डाक संस्थान और फार्म बंद-
शांति वाले इलाकों में आर्मी के अपने डाक संस्थानों और फार्मों को बंद किए जाने की योजना है. कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति ने 39 फार्मों को समयबद्ध तरीके से बंद करने का फैसला पहले ही ले लिया है.
इनमें लगभग 25 हजार पशुओं का पालन किया जा रहा था. करीब 130 साल पहले ब्रिटिश राज में इस तरह के फार्मों की शुरुआत की गई. जब बाजार में दूध आदि की कमी थी.
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नैशनल कैडेट कोर की क्षमता को बेहतर करने हेतु सेना से रिटायर हुए लोगों को काम पर लगाया जाएगा, जबकि इसमें एनसीसी से जुड़े सेवारत अफसरों को ऑपरेशनल भूमिकाओं में भेजा जाएगा. वर्कशॉप, डिपो और ट्रांसपोर्ट यूनिटों में भी बदलाव की तैयारी है. आर्मी में ड्राइवर और क्लर्क की भर्ती के मानक बेहतर बनाए जाएंगे.
नौ सैनिक कमांडरों का सम्मेलन-
नौसैनिक कमांडरों का चार दिवसीय सम्मलेन शुरू किया जाएगा. दो साल में आयोजित किए जाने वाले इस सम्मेलन का उद्घाटन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी. सम्मलेन में नौसैनिक कमांडरों के अलावा नौसेना, थल सेना और वायु सेना के प्रमुख और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भाग लेंगे.
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