केंद्र सरकार ने भारत में व्यापार सुविधा को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा सीमा शुल्क (शुल्क की रियायती दर पर माल का आयात) नियम, IGCR 2017 में बदलाव किये हैं.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा सीमा शुल्क (शुल्क की रियायती दर पर माल का आयात) संशोधन नियम, 2021 के माध्यम से ये बदलाव प्रस्तुत किए गए थे.
सीमा शुल्क नियम, IGCR 2017 ऐसे तरीकों और प्रक्रियाओं को निर्धारित करता है जिसमें कोई भी आयातक माल के घरेलू उत्पादन या सेवाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक सामानों के आयात पर रियायती सीमा शुल्क का लाभ उठा सकता है.
Enhancement of facilities under the Customs (Import of Goods at Concessional Rate of Duty) Rules, 2017
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) May 18, 2021
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कस्टम नियमों में नए बदलाव क्या हैं?
• अपने एक बयान में, वित्त मंत्रालय ने यह बताया कि, व्यापार और उद्योग की आवश्यकताओं को समायोजित करने वाले इन नियमों में एक बड़ा बदलाव यह है कि, आयातित माल को अब जॉब वर्क के लिए बाहर भेजने की अनुमति दी गई है.
• उपर्युक्त सुविधा की अनुपस्थिति ने पहले उद्योग को, विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र में विवश कर दिया था, जिनके पास देश में पूर्ण विनिर्माण क्षमता नहीं थी.
• वित्त मंत्रालय ने यह भी बताया कि, जिन आयातकों के पास किसी भी प्रकार की विनिर्माण सुविधा नहीं है, वे अब रियायती सीमा शुल्क पर माल आयात करने के लिए IGCR, 2017 का लाभ उठा सकते हैं. वे पूरी तरह से जॉब वर्क के आधार पर निर्मित अंतिम सामान भी प्राप्त कर सकते हैं.
• यहां इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि आभूषण, सोना, कीमती पत्थरों और धातुओं जैसे कुछ क्षेत्रों को बाहर रखा गया है.
• अब प्रदान किया गया एक और महत्वपूर्ण प्रोत्साहन ऐसे लोगों को अनुमति दे रहा है जो रियायती सीमा शुल्क पर पूंजीगत सामान आयात करते हैं, उन्हें घरेलू बाजार में शुल्क और ब्याज के भुगतान पर मूल्यह्रास मूल्य पर ऐसे सामान की खपत करने की अनुमति है.
पृष्ठभूमि
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष, 2021 में अपने बजट भाषण में यह घोषणा की थी कि, देश में व्यापार सुविधा को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क (IGCR) नियम, 2017 में संशोधन किया जाएगा.
इस घोषणा के अनुसार, केंद्रीय सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 02 फरवरी, 2021 को इन नियमों के दायरे को तुरंत बढ़ाना शुरू कर दिया था.
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